आगनबाड़ी केंद्र पिपरी संग्राम, रामनगर व, मलौली दुबे का मामला




                           फ़ोटो:- अधिवक्ता आर.के पाण्डेय

प्रयागराज । हाई कोर्ट इलाहाबाद के समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय की शिकायत के बाद जनपद बस्ती के विक्रमजोत ब्लॉक अंतर्गत तीन आंगनबाड़ी केंद्र के साथ ही इंचार्ज सीडीपीओ कुमुद सिंह भी जांच के दायरे में आ गई हैं।

    जानकारी के अनुसार बस्ती के बिक्रमजोत ब्लॉक के क्रमशः तीन आगनबाड़ी केंद्र पिपरी संग्राम रामनगर व मलौली दुबे में अबैध नियुक्त के सम्बन्ध में उच्च न्यायलय के अधिबक्ता आर के पांडेय जी द्वारा शिकायत किया गया है शिकायती पत्र में उन्होंने बताया की पिपरी संग्राम की कार्यकर्ती उर्मिला देवी पत्नी भगवत प्रसाद  का वास्तविक नाम मालती देवी है और ये श्रीराम मिश्र की पुत्री है  इन्होने  कूटरचित तरीके से  व जालसाज करके अपने चचेरी बहन उर्मिला देवी  के अभिलेख पर नौकरी किया है वास्तविक उर्मिला देवी के पिता शिवकुमार मिश्रा निवासी ग्राम शेखपुरा पोस्ट भदौली बुजुर्ग बिकासखण्ड पूरा बाजार अयोध्या की शादी शुरेशदत्त तिवारी ग्रा पं व पोस्ट सरियावा बिकासखण्ड मसौधा जिला अयोध्या में हुआ है श्री पांडेय ने मालती पत्नी भगवत प्रसाद के साक्ष्य दिया तो जबाब में कार्यकर्ती ने बिभाग को बताय की मेरे पिता शिवकुमार मिश्र है मैं उनकी एकलौती पुत्री हु और मेरा ही उप नाम मालती है जबकि बहुत पहले भी इनकी एक बार और किसी की द्वारा शिकायत हुयी थी जिसमे इन्होने बताया था की मैं किसी मालती को नहीं जानती मेरा नाम उर्मिला है और हमारे पास उर्मिला नाम के सभी साक्ष्य मौजूद है अब मामला यहाँ फसता है की एक पिता एक पुत्री उसकी शादी दो जगह पति और पता अलग अलग यह कैसे संभव हो सकता है , जबकि सीडीपीओ ने उर्मिला पत्नी सुरेश दत्त तिवारी को क्रमशा दो नोटिस जारी किया पहले नोटिस का तो जबाब नहीं आया परन्तु दूसरी नोटिस में   बिभाग को  बताया की मैं उर्मिला नहीं प्रमिला हु और मैं अनपढ़ हु यहाँ तो अपनी बहन मालती को उर्मिला बनाने में पूरा मदद किया लेकिन शिकायतकर्ता भी बहुत शातिर निकला दोनों उर्मिला देवी के सभी साक्ष्य पहले ही बिभाग से लिया था जिससे साक्ष्य का यदि परिवर्तन हो तो बड़ी आसानी से फर्जीबाड़ा पकड़ में आजाये क्योकि भगवत प्रसाद दुबे नियुक्ति के समय उसी ग्राम पंचायत के प्रधान थे मैनुअल राशनकार्ड के चलते निवास प्रमाण पत्र व मतदाता पहचानपत्र बनवा लिया था और परिवार रजिस्टर के गयाब होने का बर्ष 2005 में बीडीओ -डी पी सिंह के आदेश पर  एफ आई आर लिखा गया था  ये सभी तथ्य से  साफ जाहिर होता है की साक्ष्य का परिवर्तन हुआ है

दूसरा मामला राम नगर के कार्यकर्ती सुमन लता पांडेय का है जिसमे बताया की अपने प्रथम पति से बिना तलाक लिए दूसरी शादी गोंडा जिला में कर लिया और वह निवास कर रही है दूसरे पति से दो लड़के भी है  इधर आई पी सी की धारा 494 में सुमनलता पांडेय जमानत पर है  ये सारे  तथ्य सुमन लता पांडेय ने बिभाग से छिपाये है 

 तीसरा मामला मलौली दुबे की सहायिका मायावती का है जिसमे पांडेय ने बताया की सहायिका अनपढ़ है हस्ताक्षर बनाना भी सीखी है इनका अभिलेख भी फर्जी है।

फिर हाल इन सभी मामलो में सी डी ओ ने  तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है जिसमे डी पी आर ओ की अध्यक्षता में  बी इ ओ व बी डी ओ जांच करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे 

डीपीओ साबित्री देवी ने बताया की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही गुण दोष स्पष्ट होगा।

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