मस्जिद को अवैध कहने वालों पर हो मुकदमा दर्ज - हाजी जमीर उल्लाह खान

 

अलीगढ़। आज समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने अलीगढ़ की ऐतिहासिक प्राचीन धरोहर 300 वर्ष पुरानी अलीगढ़ जामा मस्जिद को भाजपा की पूर्व मेयर शकुंतला भारती द्वारा अवैध कहने और आरटीआई एक्टिविस्ट केशवदेव द्वारा जामा मस्जिद पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की बात का कड़ा विरोध किया और कहा कि यह भाजपा द्वारा अलीगढ़ की शांत फिजा में नफरत फैलाकर दंगा कराने की सोची समझी साजिश है। 


इस तरह के भाषणों से समाज में माहौल खराब होता है। कल ही सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि नफरत फैलाने वाले भाषणों से माहौल खराब होता है। भारतीय समाज दूषित होता है। ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस साजिश में नगर निगम के वह आरटीआई अधिकारी/ सम्पत्ति अधिकारी भी शामिल हैं। जिन्होंने आरटीआई के जवाब में 300 साल पुरानी ऐतिहासिक प्राचीन धरोहर जामा मस्जिद को अवैध करार दिया। जबकि पूरे भारत में मौजूद ब्रिटिश शासन काल की ऐतिहासिक प्राचीन इमारतों के दस्तावेज ओर्क्योलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया मैं सुरक्षित रहते हैं। जहां पर इनका पूरा रिकॉर्ड होता है। यह ऐतिहासिक प्राचीन धरोहर हैं।  इनके रिकॉर्ड में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। नगर निगम को कोई अधिकार नहीं है। 


कि वह अलीगढ़ जामा मस्जिद के मालिकाना हक को साबित करें । इस साजिश की गंभीरता से कुछ बिंदुओं पर जांच होनी चाहिए। जैसे-(1) आखिर केशव देव को दूसरे संप्रदाय के धार्मिक स्थल पर आरटीआई डालने को किसने कहा ?  



(2) नगर निगम के आरटीआई अधिकारी/ संपत्ति अधिकारी ने किसके कहने पर 300 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जामा मस्जिद को अवैध करार दे दिया।  



(3) आखिर वह कौन लोग हैं ? जो जामा मस्जिद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर अलीगढ़ में दंगा कराना चाहते हैं।  



(4) अलीगढ़ का अति गंभीर प्रकरण होने के बावजूद आरटीआई अधिकारी/ सम्पत्ति अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?

(5) आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ब्रांच-आगरा) में दर्ज 300 साल पुरानी ऐतिहासिक प्राचीन धरोहर को अवैध घोषित करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है तो नगर निगम के उक्त अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं हुआ ?

मैं जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि अलीगढ़ में दंगा कराने की साजिश में जो भी दोषी हैं उन पर तत्काल मुकदमा दर्ज होकर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे भविष्य में ऐसी साजिशें करने की कोई जुर्रत ना कर सके। इन साजिशों से जिला प्रशासन, न्यायपालिका और समाज तीनों को ही बड़ा नुकसान होता है। नफरतें बढ़ती हैं। झगड़े बढ़ते हैं। जिससे समाज दूषित होता है। अगर जिला प्रशासन ऐसे असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने में असमर्थ है। तो मैं अलीगढ़ के हिंदू मुस्लिम भाइयों से को साथ लेकर ऐसे असामाजिक तत्वों को असली सामाजिकता सिखाऊंगा और किसी भी हाल में शहर की फिजा खराब नहीं होने दूंगा। मुस्लिम समाज ने बड़ी सूझबूझ से काम लिया है वो जिला प्रशासन के साथ हैं और मुस्लिमों ने कभी भी किसी भी अन्य धर्म और धार्मिक स्थलों को कभी बुरा नहीं कहा और ना ही  उनके किसी भी कार्य में उंगली उठाई। इसलिए मैं अलीगढ़ शहर के अच्छे सामाजिक हिंदू भाइयों से अपील करता हूं कि वे इन नफरत फैलाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दें। नफरत फैलाने वालों के नापाक इरादों को कभी कामयाब ना होने दें। आपसी भाईचारा बनाए रखें। 


आपका

हाजी जमीर उल्लाह खान

पूर्व विधायक कोल व शहर

समाजवादी पार्टी अलीगढ़

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