आईपीएस मुनिराज ने अपनी काबिलियत के दम पर पूरा कर दिखाया, मिली स्थाई नियुक्ति

 


गाजियाबाद । बीते 2 महीनों में कानून व्यवस्था को लेकर प्रगति पर है, और हो भी क्यों ना जिस जिले की कानून व्यवस्था एक ऐसे अधिकारी के हाथ में जो खुद रात दिन अपनी ड्यूटी के फर्ज को बखूभी निभाना जानते है। Bareilly, बुलंदशहर, Agra, अलीगढ़ जैसे बड़े जनपदों में बेहतरीन कप्तानी करने वाले 2009 बैच के IPS मुनिराज जी ने 3 अप्रैल को कार्यवाहक एसएसपी के तौर पर पदभार संभाला था। जिसके बाद से ही जिले में बेपटरी हुई कानून व्यवस्था वापस से पटरी पर दौड़ने लगी। ऐसे में बेहतरीन काम का अच्छा परिणाम निकलकर आना ही था। बता दें कि बीते 1 वर्ष में जो कार्य पेंडिंग पड़े थे उन्हें महज 2 महीनों के अंदर ही आईपीएस मुनिराज ने अपनी काबिलियत के दम पर पूरा कर दिखाया। जिसे देखते हुए सरकार ने कार्यवाहक से स्थाई SSP गाजियाबाद का चार्ज सौंप दिया है। एसएसपी पवन कुमार के सस्पेंड के बाद से अस्थाई रूप से Ghaziabad एसएसपी का संभाल रहे थे पदभार।


Image

3अप्रैल को बने थे अस्थाई एसएसपी

गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार के निलंबन के बाद आईपीएस अधिकारी मुनिराज जी. (IPS Officer Muniraj) ने अस्थाई तौर पर नए कप्तान का चार्ज संभाल।। नए एसएसपी के सामने बड़े अपराधों का खुलासा करने की चुनौती थी। लेकिन आईपीएस मुनिराज जी ने अपने बेहतरीन कार्य का प्रदर्शन कर क्राइम कंट्रौल करने में एक नायक की तरह भूमिका निभाई। दरअसल जिले में बढ़ते अपराध के मद्देनजर शासन ने 31 मार्च को जिले के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद जिले की जिम्मेदारी आईजी प्रवीण कुमार संभाल रहे थे। एक मार्च को शासन ने कानून-व्यवस्था संभालने के लिए सतर्कता अधिष्ठान में तैनात डीआईजी एलआर कुमार को गाजियाबाद भेजा था, लेकिन निजी कारणों के चलते वह छुट्टी पर चले गए। शासन ने डीजीपी मुख्यालय में तैनात चल रहे वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी मुनिराज जी. को अस्थाई तौर पर गाजियाबाद भेजा।

वेस्ट यूपी के कई जिलों में रह चुके हैं एसएसपी

सीनियर आईपीएस ऑफिसर व एसएसपी मुनीराज जी. साल 2009 बैच के आईपीएस हैं। वे वेस्ट यूपी के कई जिलों में बतौर एसएसपी रह चुके हैं। गाजियाबाद में वे एसपी सिटी और एएसपी रहे हैं। उनकी गिनती बेहद ईमानदार अफसरों के रूप में की जाती है। जैसे साक्ष्य को परीणाम की जरूरत नहीं होती, वैसे ही एसएसपी मुनिराज जी के किसी कार्य को पहचान या फिर सुर्खियों की कोई जरूरत ही नहीं हैं। क्योंकि मानवीय शख्सियत इंसान के किरदार में ही साफ तौर पर दिखाई देती है।  

Post a Comment

0 Comments