स्वतंत्रा सेनानी ब्रिगेडियर गौस मोहम्मद की बलिदान की गाथा

 


अलीगढ़ । अंग्रेजों से लड़ते हुए 24 अगस्त 1857 को टप्पल के नवाब ब्रिगेडियर गौस मोहम्मद व अलीगढ़ जमा मस्जिद के इमाम मौलवी अब्दुल जलील की शहादत को गौस मोहम्मद के प्रपौत्र  कुंवर मोहसिन व समाजसेवी गुलजार अहमद ने दुआ-ए-मगफिरत की फातिहा पढ़ी । तथा गौस मोहम्मद के साथ 71 शहीदों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने अंग्रेजी फौज से आजादी के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों को देश के लिए न्योछावर कर दिया.

जानिए वीर सपूत देशभक्त गौस मोहम्मद को

ब्रिगेडियर गौस मोहम्मद का जन्म कस्बा टप्पल के एक शाही परिवार में हुआ था और उन्हें बचपन से ही घुड़सवारी कुश्ती तलवारबाजी का शौक था जो कि गौस मोहम्मद को अंग्रेजी फौज में बड़ा मुकाम दिलाने में बड़ा कामयाब हुआ गौस मोहम्मद के अनेक बहादुरी के कारनामों के कारण गौस मोहम्मद अव्वल व गौस मोहम्मद सानी की उपाधि से सम्मानित किया गया समाजसेवी गुलजार अहमद ने बताया 

ब्रिगेडियर गौस मोहम्मद प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था तब हाथरस अंग्रेजों का मुख्य ठिकाना था  गौस मोहम्मद ने हाथरस में हमला बोल दिया अलीगढ़ के आगरा रोड स्थित बगीची मानसिंह पर 24 अगस्त 1857 को गौस मोहम्मद अपने 5000 सैनिक 200 घुड़सवार 150 बंदूकधारियों के दल के साथ आक्रमण कर घमासान युद्ध किया और अंग्रेजी सेना के दांतो को खट्टा कर दिया और लड़ते-लड़ते गौस मोहम्मद अपने देश के लिए शहीद हो गए महान योद्धा होने के साथ गौस मोहम्मद बहुत बड़े दयालु और दानी भी थे अपने जीवन में गौस मोहम्मद ने टप्पल में कब्रिस्तान श्मशान भूमि इमामबाड़ा मदरसा और मस्जिद और मंदिर के लिए अपनी निजी संपत्ति दान में दे दी जिसे आज तक टप्पल की जनता दिलो जान से सम्मान के साथ याद करती है

 योमें शहादत के मौके पर मौजूद एएमयू के छात्र नेता सलमान इम्तियाज,फरहान जुबैरी,अब्दुल वहाब, सपा नेता सलमान शाहिद , सपा नेता मुंताजिमकिदवई माजसेवी सैयद वासिफ रब्बानी, मदद फाउंडेशन सचिव गुफरान अहमद,तस्लीम सिद्दीकी आदि मौजूद थे.

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