अलीगढ़। वैक्सीन जिहाद के नाम से मुस्लिमसमुदाय को बदनाम करने के लिए और देश मे साम्प्रदायिक सौहार्द को तोड़ने के लिए मीडिया के एक तबका द्वारा अपने चैनल पर झूठी खबरों को चलाया गया। नर्स नेहा खान के पक्छ को जानने की कोशिश तक नही की गई।
अलीगढ के मुस्लिम समुदाय की तरफ से झूठे और मुस्लिम के खिलाफ फैलाए जा रहे दुष्प्रचार के दोषी मीडिया चैनल और नर्स नेहा के केस में उसका बयान और मजिस्ट्रेट जाँच कराई जाए। बताया जा रहा है कि फर्जी विडियो के आधार पर खेल किया जा रहा है।
माँग की गई है कि हम मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि शासन प्रशासन समस्त राजनीतिक दलों जनता के सभी वर्गों और मीडिया के सामने यही भावना व्यक्त करते हैं कि देश में मुसलमानों के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार और उत्तेजक कार्रवाई जारी हैं । मुसलमानों के खिलाफ नफरत का वातावरण पैदा करने के लिए कुछ तत्वों को मीडिया के एक तबका पुलिस प्रशासन और शासन के ढुलमुल रवैए से बल मिलता है यह स्थिति और भावना निश्चित रूप से देश के लिए खतरनाक है और देश की भाईचारगी को नुकसान पहुंचाता है ऐसे में देश विरोधी कार्य में जुटे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई देश हित में है।
इस विषय को लेकर विरोध दर्ज करते हुए अलीगढ के मुस्लिम समुदाय की तरफ से हमने जिलाधिकारीअलीगढ महोदय को ज्ञापन देकर मांग की है कि भड़काऊ चैनल पर देशद्रोह की कार्रवाई और नर्स नेहा के केस में मजिस्ट्रेट की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
ज्ञापन देने वालों मे कांग्रेस नेता इंजीनियर आग़ा यूनुस, मुफ़्ती प्रोफेसर जाहिद अली ,डॉक्टर तारिक अयूब्बी ( आल इंडिया कारवाँ अमन व इंसाफ) मौलाना शान मोहम्मद ( अध्यक्ष जमीतुल उलमा हिन्द, अलीगढ) मुफ़्ती अब्दुल्ला नदवी( संयोजक अलीगढ समाज सेवी ) मोहम्मद राहत सुल्तान ( प्रवक्ता अपराध निरोधक समिति) अदील अख्तर शमशी ( अध्यक्ष तब्लीग ऐ इस्लाम फाउंडेशन) , चौधरी इफ्राहिम हुसैन ( अध्यक्ष भारतीय समाज सेवा संगठन), जावेद हयात (अध्यक्ष मदद फाउंडेशन), शोएब अहमद ( अध्यक्ष परछाई फाउंडेशन) व समाजसेवी जियारूररहमान के अलावा कई मुस्लिम समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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