संयुक्त राष्ट्र के मिनामाता सम्मेलन पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन

 


अलीगढ़14 जून: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग ने पर्यावरण के प्रति जन जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्येश्य से सप्ताह भर चलने वाले 'विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रमके हिस्से के रूप में "मरकरी पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन" विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया। 

व्याख्यान प्रस्तुत करते हुएप्रोफेसर आसिफ कुरैशी (सिविल इंजीनियरिंग विभागआईआईटी हैदराबाद) ने कहा, "शोधकर्ताओं को संयुक्त राष्ट्र मिनामाता सम्मेलन में भारतीय योगदान के हिस्से के रूप में पारा प्रदूषण के संचयजैव-आवर्धन और नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए"।

प्रोफेसर कुरैशी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मिनामाता कन्वेंशन विश्व पर्यावरण को पारा प्रदूषण से बचाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि हैऔर भारत इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले पहले 140 देशों में से एक है।

संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करते हुएआयोजक प्रो फरीद अहमद खान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संधि में पारा प्रदूषण के नियंत्रणपौधों और जानवरों सहित खाद्य श्रृंखलाओं में पारा संचय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जीवन विज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिकों की भूमिका और मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन पर उनके परिणाम के बारे में 35  अनुच्छेद शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि "सम्मेलन में पारा प्रदूषण और पारा प्रदूषणकारी वस्तुओं के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी वैज्ञानिक तकनीकों और चिकित्सा उपचार प्रोटोकॉल विकसित करने के अलावा डब्ल्यूएचओयूएनईपी की सक्रिय भूमिका की आशा कि गयी है"।

उन्होंने आगे कहा कि इस सम्मेलन की आवश्यकता के अनुसार कुछ बहुत ही रोचक वैज्ञानिक अनुसंधान जल्द ही वनस्पति विज्ञान विभागएएमयू द्वारा प्रकाशित किये जायेंगे।

अपने अध्यक्षीय भाषण मेंप्रोफेसर वसीम अहमदडीनजीव विज्ञान संकाय तथा कार्यक्रम के सह-संरक्षक ने वैज्ञानिकों से इस क्षेत्र में गुणवत्ता अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया ताकि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पारा प्रदूषण नियंत्रित करने में भारत की अग्रणीसक्रिय और महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में भूमिका बनी रहे।

इससे पहलेवनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नफीस अहमद खान ने वक्ता का परिचय दिया और उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण अनुसंधान पर प्रकाश डाला।

धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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