जन हितों में पत्रकारिता कैसे हो ? संजय भाटी


पत्रकारिता। वैसे तो देश भर के सभी निठल्ले पत्रकारों की सुरक्षा के लिए चार-चार AK 47 के साथ चार-चार पेटी ब्रांडेड शराब/बीयर और कम से कम पांच लाख की अवैध वसूली का अधिकार तो पत्रकार एकता के नाम पर होना ही चाहिए। पाँच सितारा होटलों के VIP पास और थाईलैड की हवाई टिकट।

✍️पत्रकारिता से जुड़े लोग अपने लिए विशेषाधिकार की मांग क्यों करते है? 

✍️पत्रकारिता से जुड़े लोग जो खुद के लिए मांगते हैं✍️वही सब पत्रकार देश के सभी नागरिकों के लिए क्यों नही मांगते? 

✍️पत्रकारिता से जुड़े लोग अपने आप को विशेष व्यक्ति क्यों समझते हैं? 

✍️क्या हमारे देश के मौजूदा क़ानून व्यवस्था आम आदमी की सुरक्षा के लिए सही काम करने में सक्षम नहीं हैं? क्या उसमें कोई खामी है? 

✍️यदि देश की मौजूदा क़ानून व्यवस्था आम आदमी की सुरक्षा व्यवस्था में सही से काम नहीं कर रही है तो पत्रकारिता से जुड़े लोग केवल अपने लिए अलग से सुरक्षा क़ानून की मांग करने की बजाय देश के सभी नागरिकों के लिए अच्छी क़ानून व्यवस्था की मांग क्यों नहीं करते? सभी नागरिकों के साथ पत्रकारिता से जुड़े लोग स्वयं भी सुरक्षित हो जाएँगे। 

✍️वर्तमान सदी के ईमानदार पत्रकारों सोशल मीडिया के दौर में देश के हर नागरिक को पत्रकारिता करने के लिए प्रेरित करो। पत्रकारिता के नाम पर अपने आप के लिए विशेष दर्जा प्राप्त करने की सोच दिमाग से पूरी तरह से त्याग दो। देश और समाज के हितों के लिए जो काम कुछ पत्रकारों के कंधों पर हैं✍️उसे देश के प्रेत्येक नागरिक के कंधों पर डाल दो। 

✍️दरअसल इतनी सी बात 99.9% पत्रकारों की समझ नहीं आ रही है कि वे खुद भी देश की आम जनता ही हैं। सिर्फ एक आम नागरिक।

✍️जान जोखिम के मामले में एक बार सोचकर बताये। क्या सड़क पर रात-दिन लंबे सफ़र पर चलने वाले ड्राइवर से पत्रकारों को ज्यादा जान जोखिम है?

✍️क्या पत्रकारिता के काम में दस-बीस मंज़िला इमारतों पर काम करने वाले राज मिश्त्री और बेलदारी करने वाले से ज्यादा जान जोखिम है?

✍️आप आप दिल पर हाथ रख कर बताये कि क्या पत्रकारिता का काम वास्तव में दूसरें बहुत से कामों से ज्यादा जोखिम भरा है?

✍️यदि हां तो आप यह भी बताए की आपको पत्रकारिता करने के लिए मजबूर कौन कर रहा है? पत्रकारिता छोड़ कर दूसरे कोई काम कर लीजिए। 

✍️दरअसल आप एक बेरोजगार हैं। आपको रोजगार की जरूरत है। आपकी स्थिति पत्रकारिता करने लायक बिलकुल भी नही है। पत्रकारिता एक तपस्या है। एक मिशन है। पत्रकारिता धंधा नहीं है। 

लेख जारी.....

संजय भाटी 9811291332

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