शासन के निर्देश पर लखनऊ से आई आईबी के आधा दर्जन सदस्यों की टीम ने यहां डेरा जमा दिया है।
हर पहलू पर यह टीम शासन को पल-पल की जानकारी दे रही है। वहीं पुलिस ने शराब तस्कर रैकेट से जुड़े छह लोगों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इनमें जवां की पूर्व ब्लाक प्रमुख रेनू शर्मा के अलावा रालोद नेता अनिल चौधरी शामिल हैं। वहीं 50 हजार के इनामी पूर्व ब्लाक प्रमुख पति ऋषि शर्मा व उसके साथी विपिन यादव की लगातार तलाश चल रही है।
शुक्रवार को हुए घटनाक्रम के बाद शनिवार सुबह टप्पल के गांव मादक, कस्बा जट्टारी से चार और पिसावा के गांव शादीपुर से पांच, करसुआ बॉटलिंग प्लांट के एक चालक, बिहारीपुर से भी मौतों की सूचना मिलने का क्रम शुरू हो गया। इन खबरों पर दौड़ी पुलिस प्रशासनिक टीमों ने लोगों को अस्पताल भिजवाना शुरू किया।
वहीं डीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें व सिटी मजिस्ट्रेट पोस्टमार्टम केंद्र पर पोस्टमार्टम कराए जाने की व्यवस्थाओं में जुटे रहे।
इसके साथ सुबह से ही अस्पतालों से शवों के पोस्टमार्टम केंद्र पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। वहीं जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और क्वार्सी के ट्रॉमा सेंटर में करीब डेढ़ दर्जन लोगों का इलाज जारी था। एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार इस मामले में अब तक 6 लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि बाकी इनामियों व शराब तस्कर रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छह टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। वहीं, टप्पल और पिसावा में दो मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं। दोनों मुकदमों से संबंधित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने दोपहर दो बजे तक 22 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
अब मौतों के आंकड़े दबाने में जुटा प्रशासन
जहरीली शराब बेशक देहात के पांच क्षेत्रों में हाहाकार मचा रही है। लगातार लोगों की मौत हो रही हैं। मगर प्रशासन अब इस मामले में मौतों के आंकड़े दबाने का प्रयास कर रहा है। आलम यह है कि 22 शवों के शुक्रवार रात 2 बजे तक पोस्टमार्टम हो चुके थे। छह शव रात में ही पोस्टमार्टम केंद्र पर पोस्टमार्टम के लिए रखे थे। इसके बाद सुबह से शव पहुंचने लगे। मगर प्रशासन ने दोपहर 2 बजे यह बयान जारी किया गया कि अब तक 22 मौत ही हुई हैं, जबकि उस समय तक 38 शव पोस्टमार्टम केंद्र पर पहुंच चुके थे।
उस समय खुद भाजपा के सांसद सतीश गौतम ने पोस्टमार्टम केंद्र पहुंचकर 35 मौतें होने का बयान जारी किया था।
जहरीली शराब से मौतों के लिए जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर से शासन को भेजी गई संयुक्त रिपोर्ट में आबकारी को सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया गया है।
इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि ठेकों से इस तरह की शराब बिक रही है, यह बिना आबकारी की मिलीभगत के संभव नहीं हो सकता। इधर, शासन स्तर से भी इस सच्चाई की जानकारी के लिए आईबी की टीम यहां भेजी गई है। जो जांच पड़ताल कर सीधे लखनऊ को रिपोर्ट भेज रही है। ये टीमें घटना वाले गांवों से लेकर पोस्टमार्टम तक हर एक पहलू पर जांच कर रही है। शराब के सभी चर्चित कारोबारियों की कुंडली भी जुटाई जा रही है। इनके राजनीतिक कनेक्शन, संरक्षणदाता, अधिकारियों से संबंध पर भी जांच चल रही है।
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