डा० मुख्तार हुसैन हकीम के निधन पर दुख व्यक्त किया

 

अलीगढ़, 27 अप्रैलः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मोआलिजात विभाग (यूनानी चिकित्सा के संकाय) के पूर्व व्याख्याता प्रोफेसर मुख्तार हुसैन हकीम का एक छोटी बीमारी के बाद पिछले सोमवार को निधन हो गया। उन्हें विश्वविद्यालय के कब्रिस्तान में दफनाया गया।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने प्रोफेसर डा० मुख्तार हुसैन हकीम के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि प्रोफेसर मुख्तार हुसैन हकीम एक उत्कृष्ट शिक्षक, शोधकर्ता और चिकित्सक थे। वे हमेशा विश्वविद्यालय समुदाय में याद किये जाएंगे। यह उनकी व्यक्तिगत क्षति है।
मोआलिजात विभाग के प्रमुख मुहम्मद यूनुस सिद्दीकी ने कहा कि प्रोफेसर मुख्तार हुसैन हकीम ने यूनानी चिकित्सा के अनुसंधान में अमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं और उनके सैकड़ों छात्र यूनानी मेडिकल कालिजों और शोध संस्थानों में सेवायें दे रहे हैं।
प्रोफेसर मुख्तार हुसैन हकीम ने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज से 1972 में एमबीबीएस और 1978 में मेडिसिन विभाग से एमडी (मेडिसिन) किया था। वह 1987 में मोआलिजात विभाग में एक व्याख्याता के रूप में जुडे़ और 2016 में आधुनिक चिकित्सा के प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले उन्होंने 1980 से 1987 तक ईरानी स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय में चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में काम किया था। उनके परीवार में पत्नी, एक बेटी तबस्सुम फातिमा और एक बेटा मुहम्मद रज़ा हैं।

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