अलीगढ़ की जनता को बेवकूफ बना गए अजीत बालियान, भाजपा द्वारा पुरस्कार ले रहे,अलीगढ़ के लोगों के लिए ही लड़ लो पहले बाद में चीन से लड़ना: हाजी जमीर उल्लाह खान।


                                  फोटो:- पूर्व विधायक

अलीगढ़/ वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा-सपा के संयुक्त प्रत्याशी रहे अजित बालियान अजीत बालियान को भारत सरकार द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के बोर्ड का सदस्य बनाए जाने पर पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने बयान जारी कर कहा है कि आज से लगभग डेढ़ साल पहले फरवरी-मार्च 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में नोएडा से आए अजीत बालियान प्रत्याशी थे, उन्होंने दलित मुस्लिम के सभी वोट कुल मिलाकर लगभग साढे चार  (4.5) लाख ले लिए थे और वह फिर भी लगभग डेढ़ लाख वोट से हार गए।

उस समय भी हमने सभी जानकारी प्राप्त कर यह फैसला किया था कि हम किसी भाजपा या भाजपा से मिले हुए प्रत्याशी को चुनाव नहीं लड़ायेगे, क्योंकि हमें जानकारी मिली कि अजीत बालियान का भाजपा सांसद एवं भाजपा पार्टी के साथ पुराना नाता व साथ रहा है और वह एक दूसरे के पार्टनर भी है, और तमाम फोटो वीडियो देखने के बाद हमने फैसला किया था कि हम एक अच्छे प्रत्याशी चौधरी विजेंद्र सिंह जो अलीगढ़ के हर परेशानी में खड़े रहते हैं उन्हें समर्थन करेंगे क्योंकि वह लगभग 40 साल से भाजपा से लड़ते व संघर्ष करते आ रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि वह अलीगढ़ के हर छोटे बड़े मसले में खड़े रहे।

लोकसभा प्रत्याशी अजीत बालियान हारने के बाद वापस नोएडा चले गए और  अलीगढ़ की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा  अलीगढ़ की जनता का 4.5 लाख वोट  पानी में इसलिए बह गया क्योंकि जनता ने  यह सोचकर वोट दिया था कि यह नेता हमारे लिए संघर्ष करेगा, हमारी आवाज उठाएगा, हमें हमारा हक दिलाएगा एवं उत्पीड़न से बचाएगा, परंतु ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ वह  हारने के बाद अलीगढ़ ही छोड़ गए।

लगभग 2 हफ्ते पहले फिर अचानक डेढ़ साल बाद अलीगढ़ आकर अलीगढ़ की जनता से ना मिलकर, ना उनकी बात सुनकर, ना उनके वोट का आज तक धन्यवाद देकर, ना ही किसी को खबर देकर आए बल्कि वह एक काल्पनिक कथा चीन के लिए युद्ध के लिए तैयार हूं यह कहने जिलाधिकारी अलीगढ़ से आए थे और वहीं से वापस चले गए.

प्रत्याशी अगर सही होता और भाजपा से संबंधित ना होता तो स्वयं हम भी उसकी मदद करते परंतु यह सब बातें भोली-भाली जनता नहीं जान पाई, और वह एक माहौल व सबसे अमीर प्रत्याशी के पैसे के बल पर बनाए गए माहौल ममें फंस गई और नतीजा यह हुआ कि लोकसभा प्रत्याशी साडे चार (4.5) लाख वोट दलित-मुस्लिमों के लेकर वापस चले गए और लौट कर नहीं देखा अलीगढ़ की जनता को.

पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने कहा कि जनता ने बहुत दिल से अजीत बालियान को साडे चार (4.5) लाख वोट दिया था परंतु आज उन्हें यह जानकर बहुत दुख हो रहा है कि भाजपा सरकार द्वारा अजीत बालियान को दिल्ली विश्वविद्यालय के बोर्ड का सदस्य बनाया गया।

पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खां ने अलीगढ़ की जनता से अपील की है कि वह भविष्य में इस तरह के प्रत्याशियों से सतर्क रहें जो अंदर खाने भाजपा का काम करते हैं लेकिन पार्टी की मोहर दूसरी लेकर चलते हैं, और फिर अचानक से भाजपा द्वारा पुरस्कार ले लेते हैं।

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