जेएन मेडीकल कालिज के आइसोलेशन वार्ड के रोगियों तथा सामान्य रोगियों को टेली मेडीसिन द्वारा इलाज की सुविधा प्रदान करना जारी रखा है।

                           
                            Photo :- प्रो. शमीम

अलीगढ़ / अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के टीवी तथा छाती की बीमारियों से सम्बन्धित विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद शमीम ने कोरोना पाजीटिव होने तथा अपने निवास स्थान में कोरेनटाइन होने के बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न तालाबंदी की परिस्थिति में जेएन मेडीकल कालिज के आइसोलेशन वार्ड के रोगियों तथा सामान्य रोगियों को टेली मेडीसिन द्वारा इलाज की सुविधा प्रदान करना जारी रखा है। इस असमान्य परिस्थिति में भी ऐसा कर पाना प्रोफेसर मोहम्मद शमीम के लिये एक बड़ा साहसिक योगदान है तथा उनकी सेवाऐं टीवी तथा श्वांस रोग से ग्रस्त मरीजों के लिये किसी देवीय सेवा से कम नहीं हैं। 
इस सम्बन्ध में प्रो. शमीम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्य विभागों के चिकित्सक भी आईसीटी गेजेट्स, टेलीफोन तथा स्मार्ट आदि का प्रयोग कर रोगियों को चिकित्सकीय परामर्श करना जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा चिकित्सकों के लिये बना रहता है परन्तु सभी नकारात्मक परिस्थितियों में भी चिकित्सकों के लिये अपनी सेवाऐं प्रदान करना आवश्यक होता है तथा इस सम्बन्ध में मेरा व्यक्तिगत अनुभव यह है कि स्वयं संक्रमित होने के बावजूद मुझे अन्य संक्रमित रोगियों से साहस प्राप्त हुआ है। 
उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिये चिकित्सक विशेष कर आशा की एक बड़ी किरन होते हैं। तथा ऐसी स्थिति में उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता। 
अमुवि कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि कोविड-19 से लड़ने में हमारे चिकित्सकों ने सराहनीय कार्य सेवाऐं प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक संक्रमण से लड़ने में अपना संपूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिये अमुवि कटिबद्ध है। 
जेएनएमसी के प्रिन्सिपल प्रो. शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि अब तक 27 कोविड-19 संक्रमित रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर जेएन मेडीकल कालिज से छुट्टी पा चुके हैं। 
उन्होंने कहा कि जेएनएमसी के चिकित्सक कई कई घंटे लगातार अपनी सेवाऐं प्रदान कर रहे हैं तथा सरकार द्वारा जेएनएमसी को प्रदत्त कोविड लेविल 2 सुविधाओं का भरपूर लाभ कोरोना रोगियों को मिल रहा है। 

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