पत्रकारिता की आड़ में वसूली का गोरखधंधा चलाते हैं. ये लोग सिर्फ पत्रकारिता का नाम खराब करते हैं. लोगों को ऐसे फर्जी और कथित पत्रकारों से बच के रहने की जरुरत हैl

अधिकारी से पैसे की उगाही करना पड़ा भारी, शिकायत के बाद कथित पत्रकार गिरफ्तार 

रायपुर। हमारे देश में पत्रकारिता को चौथे स्तंभ का दर्जा प्राप्त है, इसका मतलब ये नहीं कि आप इसका गलत इस्तेमाल करें. पत्रकार को सिर्फ सच्चाई प्रकाशित करना होता है न की सच्चाई दिखाने के नाम पर लोगों से पैसा वसूला जाता है. फिर भी कुछ ऐसे लोग है जो पत्रकारिता की आड़ में वसूली का गोरखधंधा चलाते हैं. ये लोग सिर्फ पत्रकारिता का नाम खराब करते हैं. लोगों को ऐसे फर्जी और कथित पत्रकारों से बच के रहने की जरुरत है. आप सोच रहे होंगे की हम ऐसा क्यों कह रहे हैं. दरअसल बिलासपुर जिले के पेंड्रा पुलिस ने एक कथित पत्रकार सुशांत गौतम को गिरफ्तार किया है. उस पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से पैसे वसूलने का आरोप लगा है. जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है.
मामला 17 अप्रैल का है. आरोपी कथित पत्रकार सुशांत गौतम पेंड्रा का रहने वाला है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीएल धृतलहरे का आरोप है कि उसके द्वारा कराए गए काम में गड़बड़ी होने का हवाला देकर पैसे की उगाही, जातिगत गाली गलौज करते हुए बस्तर तबादला करवा देने की धमकी दे रहा था. जिसकी शिकायत पुलिस और आलाअधिकारियों से की गई. आरोप है कि बीते कुछ दिनों से सुशांत गौतम अपने आप को पत्रकार बताकर अधिकारी को धमकी देकर 25 हजार रूपए की मांग कर रहा था. पैसे नहीं देने पर खबर मीडिया में प्रकाशित करा देने की धमकी दे रहा था. विज्ञापन के नाम पर भी कार्यालय में आकर पैसे मांग रहा था जिस पर कर्मचारियों से पैसा इकठ्ठा कर 3 हजार रूपए दिए गए. लेकिन आरोपी 25 हजार रूपए की मांग में अड़ा रहा और मीडिया में खबर दिखाकर नौकरी खा लेने की धमकी देता रहा. जिसके बाद इसकी शिकायत अधिकारी ने थाने में की.
पेंड्रा पुलिस ने सुशांत गौतम के खिलाफ IPC की धारा 294, 186, 384, 506 अनुसूचित जनजाति नृशंसता निवारण अधिनियम 3 -1-(द)के तहत एक महीने पहले अपराध दर्ज किया था. शिकायत के बाद आरोपी 21 अप्रैल से फरार चल रहा था. जिसके बाद पुलिस उसके घर में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया है.sorce :lalluram 

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