"बसंत काव्योत्सव" में हुई माॅ वाणी की अराधना

हाथरस (सिकन्दराराऊ) बसन्त पंचमी के उपलक्ष्य में विमल साहित्य संवर्धक संस्था के तत्वावधान में जिरौली कलां के पुराना राधा कृष्ण व माता मंदिर पर 'बसन्त काव्योत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें दूर दराज से आये कवियों ने माँ वाणी की आराधना की। काव्योत्सव की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ. सुभाष चन्द्र शर्मा ने और संचालन शिवम कुमार आज़ाद ने किया। कार्यक्रम के आयोजक रहे वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल शर्मा और भगवान स्वरूप गर्ग। संयोजन अवशेष विमल ने किया।
मुख्य अतिथि भाईचारा सेवा समिति के प्रान्तीय उपाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव व संस्थापक महेश यादव संघर्षी ने  कार्यक्रम का शुभारंभ  माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कासगंज के विख्यात गीतकार डॉ अजय अटल ने अद्भुत शब्द, भाव और लय से संयोजित ऐसी सरस्वती वंदना पढ़ी मानो सभी श्रोताओं को साक्षात माँ सरस्वती के दर्शन हो गए हों। 
दिल्ली से पधारे मशहूर  गीतकार सर्जन शीतल ने कुछ यूँ सुनाकर समां बाँधा -
प्रेम का पाठ जब राधिका ने पढ़ा,
ज्ञान उद्धव का सारा धरा रह गया।।
गाज़ियाबाद से आये जगदीश मीणा ने सुनाया -
कली ने पांखुरी को खोल दिल का राज़ खोला है l
रही  मैं बेखबर उसने मेरी रूह को टटोला है l
गीतकार डॉ. अजय अटल ने गीत की महत्ता को गीत में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया -
जल जाएगी सपनों की सुंदर दुनियाँ,
गीत अगर इस धरती पर मर जायेंगे।।
इगलास से पधारे घुमक्कड़ कवि ग़ाफ़िल स्वामी ने सुनाया -
रंग बसंती प्रेम का, आया लिए बसन्त।
तन मन बासन्ती हुआ, हुआ शीत का अन्त।।
विवेकशील राघव ने पढ़ा -
दर्द पीकर लड़ो चोट खाकर लड़ो
जिंदगी जंग है मुस्करा कर लड़ो
देवेश सिसौदिया ने पढ़ा -
जिंदगी में गर ऊँचा मुकाम चाहिए
अपने माँ बाप का दिल न दुखाइये
पंकज पण्डा ने पढ़ा -
शिक्षित बनें संगठन कर लें राह सुगम हो जाएगी
संघर्षों में चलते चलते मंजिल भी मिल जाएगी।
अवशेष विमल ने पढ़ा-
जितने अहसास हैं जमाने में
मैंने उन सब पे ग़ज़ल कह दी है
इनके अलावा गीता गीत, अवनीश यादव, शिवम कुमार आज़ाद, नवीन कुमार, चंदू बघेल, राकेश उजाला,राजेश यादव सहित लगभग एक दर्जन कवियों ने माँ वाणी की आराधना की। कवि सम्मेलन का प्रांगण अंतिम पायदान तक ग्रामीण श्रोताओं से खचाखच भरा रहा। कवियों ने मन भरकर तालियाँ बटोरी।
  राजेश यादव, विजय प्रतापसिंह,संगीता शर्मा,मंजू देवी, सुनीता, साधना कुमारी, विनाश ,ओमप्रकाश, मनोज, संजय, हसरुद्दीन,विनय शर्मा आदि।

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