सुभाष बापू लड़े थे गोरो से हम लड़ेगे चोरों से :हार्दिक पटेल

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी विपक्षी एकता प्रदर्शित करने के लिए कोलकाता में ‘यूनाइटेड इंडिया रैली’ कर रही है. हार्दिक पटेल ने पहले वक्ता के तौर पर नारा दिया, सुभाष बापू लड़े थे गोरों से, हम लड़ेंगे चोरों से. गुजरात में पाटिदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ‘गोरों’ के खिलाफ लड़ने की अपील की थी और हम ‘चोरों’ के खिलाफ लड़ रहे हैं. युवा गुजराती नेता ने सभी विपक्षी दलों को एक साथ एक मंच पर लाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया. दलित नेता जिगनेश मेवानी ने कहा कि कई विपक्षी दलों का एकसाथ आना आगामी लोकसभा चुनाव में बदलाव का संदेश देता है..
मेवानी ने कहा कि ‘महागठबंधन’ आरएसएस और भाजपा की हार सुनिश्चित करेगा. गुजरात से निर्दलीय विधायक ने कहा, ‘भाजपा के साढ़े चार साल के शासन में गरीबों, अल्पसंख्यकों और दलितों के शोषण से देश अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है.’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि केन्द्र में ‘महागठबंधन’ की सरकार बनने पर वह संविधान के पालन को सुनिश्चित करेगा और देश एक सच्चा समाजवादी गणराज्य बन जाएगा..
रैली से पहले तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह रैली लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए ‘मृत्यु-नाद’ की मुनादी होगी. भगवा पार्टी के ‘कुशासन’ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का संकल्प जताने के लिये कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड मैदान में शनिवार को होने वाली इस रैली में 20 से अधिक विपक्षी दलों के शिरकत करने की संभावना है..
तृणमूल को उम्मीद है कि इस रैली से ममता ऐसे नेता के तौर कर उभरकर सामने आएंगी जो ‘अन्य दलों को साथ लेकर’ चल सकती हैं और आम चुनावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती दे सकती हैं.विशाल विपक्षी रैली का आयोजन बनर्जी की सोच का नतीजा है. उन्होंने गुरुवार को कहा था कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक कारक साबित होंगी. उन्होंने कहा, ‘भाजपा के कुशासन के खिलाफ यह ‘संयुक्त भारत रैली’ होगी. यह भाजपा के लिए मृत्युनाद की मुनादी होगी. आम चुनाव में भगवा पार्टी 125 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी. राज्य की पार्टियों द्वारा जीती गयी सीटों की संख्या भाजपा की तुलना में अधिक होगी..
ये नेता हो रहे हैं शामिल.
विशाल रैली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एच डी कुमारस्वामी, एन. चंद्रबाबू नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के एम के स्टालिन के अलावा भाजपा के असंतुष्ट सांसद शत्रुघ्न सिन्हा शामिल होने वाले हैं. हालांकि राहुल गांधी खुद इस रैली में हिस्सा नहीं ले रहे हैं लेकिन उन्होंने दो नेताओं को भेजा है. लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी रैली में हिस्सा लेंगे..
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी तृणमूल प्रमुख के साथ मंच साझा करते दिखेंगे.अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जेगांग अपांग भी इस रैली में शामिल होंगे. जेगांग ने मंगलवार को ही भाजपा छोड़ा..        सराहना.
तृणमूल कांग्रेस की विपक्ष की रैली से एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता के ममता बनर्जी के प्रयास का समर्थन करते हुए शुक्रवार को उम्मीद जताई कि इस रैली से एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश जाएगा. राहुल ने ममता को भेजे सन्देश में कहा, ‘हम बंगाल के लोगों की सराहना करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमारे इन मूल्यों की रक्षा करने में आगे रहे हैं. मैं यह एकजुटता दिखाने पर ममता दी का समर्थन करता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश देंगे..
तंज.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की विपक्षी दलों की रैली का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर शुक्रवार को भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि यह स्वभाविक है कि ‘बहनजी’ के छोड़ने के बाद वह ‘दीदी’ को याद करेंगे. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि रैली से भगवा पार्टियों के प्रतिद्वंद्वियों के बारे में यह खुलासा होता है कि वे अपने बूते मुकाबला नहीं कर सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या ममता को राहुल के समर्थन पत्र से विपक्ष की मजबूती प्रदर्शित होती है, स्मृति ने जवाब दिया, ‘जब बहनजी ने उन्हें छोड़ दिया, तब यह स्वभाविक है कि वह दीदी (ममता) को याद करेंगे. ईरानी ने रैली का जिक्र करते हुए कहा, ‘विपक्षी दल बार-बार कह रहे हैं कि वे भाजपा से अकेले नहीं लड़ सकते और इससे उनकी नाकामी उजागर होती है.

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