बीजेपी के लिए 'ताबूत मे आखिरी कील' होगी :ममता

कोलकाता /पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की महारैली में लोगों का हुजूम नजर आया. विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने इस रैली में शिरकत की और बीजेपी पर निशाना साधा. इस रैली के बारे में तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि यह लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए 'ताबूत में आखिरी कील' होगी. कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में तृणमूल कांग्रेस की ओर से ये रैली आयोजित की गई.
इस रैली में शामिल होने विपक्ष के कई बड़े नेता पहुंचे. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, उनके बेटे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, शरद यादव, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग समेत 20 से अधिक राष्ट्रीय नेता रहे. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी रैली को अपना समर्थन दिया है. रैली की सफलता के लिए बड़े मंच के अलावा 20 टॉवर खड़े किए गए. साथ ही 1000 माइक्रोफोन और 30 एलईडी स्क्रीन लगाई गई. सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के लिए रैली वाले स्थान के अंदर और आस-पास 10000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई. 400 पुलिस पिकेट लगाए गए.
इस रैली में बीजेपी का हिस्सा रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी शामिल हुए. नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली सरकार है जो विकास के आंकड़ों के साथ बाजीगरी कर रही है. सिन्हा ने कहा कि मौजूदा शासन में अगर आप सरकार की तारीफ करते हैं तो वह ‘देश भक्ति’ है और अगर आलोचना करते हैं तो वह ‘देश द्रोह’ है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री रहे सिन्हा ने कहा 'आजादी के बाद यह पहली सरकार है जो जनता को मूर्ख बनाने के लिए विकास के झूठे और मनगढ़ंत आंकड़े पेश कर रही है.'

मत पत्र प्रणाली फिर से लागू हो..
पारदर्शिता के लिए मतपत्र प्रणाली फिर से लागू करने की वकालत करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने ईवीएम को चोर मशीन करार दिया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह किसी एक व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को सत्ता से बाहर करने की बात नहीं है. यह देश को बचाने और आजादी के लिए लड़ने वालों के बलिदान का सम्मान करने की बात है.' उन्होंने कहा 'ईवीएम चोर मशीन है. ईमानदारी से कह रहा हूं. इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. दुनिया में कहीं भी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता है. ईवीएम का इस्तेमाल रोकने और पारदर्शिता के लिए मतपत्र प्रणाली को वापस लाने के लिए विपक्षी दलों को निर्वाचन आयोग और भारत के राष्ट्रपति से मिलना चाहिए.'
वहीं जम्मू-कश्मीर के हालात के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि लोग धार्मिक आधार पर बंट रहे हैं. लोगों को पाकिस्तानी बताया जा रहा है. लेकिन सभी लोग लद्दाख से लेकर हर जगह पर, भारत में रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा 'मैं मुसलमान हूं और मुझे भारत से, अपने देश से प्यार है.'
इस रैली में गुजरात में पाटिदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल भी शामिल हुए. जिन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ‘गोरों’ के खिलाफ लड़ने की अपील की थी और हम ‘चोरों’ के खिलाफ लड़ रहे हैं. वहीं जनसैलाब की ओर इशारा करते हुए पटेल ने कहा कि यह संकेत है कि बीजेपी सत्ता से बाहर जा रही है. साथ ही दलित नेता जिगनेश मेवानी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की विपक्षी रैली में कई विपक्षी दलों का एकसाथ आना आगामी लोकसभा चुनाव में बदलाव का संदेश देता है. ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विपक्ष की महारैली को संबोधित करते हुए मेवानी ने कहा कि ‘महागठबंधन’ आरएसएस और बीजेपी की हार सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के साढ़े चार साल के शासन में गरीबों, अल्पसंख्यकों और दलितों के शोषण से देश अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है.
‘जोरम नेशनलिस्ट पार्टी’ के नेता लालदूहोमा ने महारैली में कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के कारण पूरा पूर्वोत्तर सुलग रहा है. अगर विधेयक लागू किया गया तो भारत वह जगह नहीं रहेगा जो वह है. इसलिए हमें केंद्र में धर्म निरपेक्ष सरकार चाहिए, ताकि यह विधेयक वापस ले लिया जाए या पूर्वोत्तर को छूट मिले. मिजोरम विधानसभा में विपक्ष के नेता लालदूहोमा ने बीजेपी, आरएसएस पर इतिहास को अपने तरह से दोबारा लिखने का आरोप भी लगाया.
रैली में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने बीजेपी को देश से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए विपक्षी दलों से अपील की कि अगले लोकसभा चुनावों में वे सांप्रदायिक पार्टी को करारा जवाब दें. सोरेन ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी देश को चला रही है उससे देश में हिंसा और अशांति का माहौल पैदा हो गया है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा 'हम सभी विपक्षी दलों को सांप्रदायिक ताकतों का माकूल जवाब देना होगा. हमें बीजेपी को न सिर्फ केंद्र से उखाड़ फेंकना होगा बल्कि उसे राज्यों से भी हटाना होगा

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