राजस्थान चुरू के धर्मवीर जाखड़ ने आपणी पाठशाला क्‍यों खोली?


Churu Aapni Pathshala । राजस्‍थान पुलिस के कांस्‍टेबल धर्मवीर जाखड़ चूरू में झुग्गी-झोपड़ियों वाले बच्‍चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं। भीख मांगने वाले इन बच्‍चों के हाथों के कटोरे की जगह कलम थमाकर इनकी जिंदगी बदल दी।
आज 8 मार्च 2025 को इन्‍हें झुग्गी-झोपड़ियों से मुक्ति दिला दी और नए आवासीय विद्यालय में शिफ्ट कर दिया।

कांस्‍टेबल धर्मवीर जाखड़ ने भामाशाहों के सहयोग से चूरू में देपालसर रोड पर नया आवासीय विद्यालय भवन बनवाया है, जिसमें अब ये झुग्गी-झोपड़ियों के बच्‍चे अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करेंगे।

धर्मवीर जाखड़ ने आपणी पाठशाला क्‍यों खोली?

वनइंडिया हिंदी को पूर्व में दिए एक इंटरव्‍यू में धर्मवीर जाखड़ ने बताया था कि जनवरी 2016 में चूरू महिला पुलिस थाने में तैनाती के दौरान मन में यह विचार आया कि इस साल कुछ नया और सार्थक किया जाए। चूरू रेलवे स्टेशन और कलेक्‍ट्रेट के आसपास की झुग्गियों में जाकर देखा कि वहाँ के बच्चे मजबूरी में भीख मांगने को विवश थे। इनमें से कई बच्चों ने कभी स्कूल का दरवाजा तक नहीं देखा था।

धर्मवीर जाखड़ ने इस समस्या को चुनौती की तरह लिया और शहरवासियों की मदद से इन बच्चों को भोजन, कपड़े और किताब-कॉपी उपलब्ध करवाई। धीरे-धीरे उन्होंने झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर खुद बच्चों को 'आपणी पाठशाला' खोलकर पढ़ाना शुरू किया। यह एक छोटी पहल थी, लेकिन इसके असर ने बड़ा आकार लेना शुरू कर दिया।

आपणी पाठशाला में बच्‍चों की संख्‍या 250 तक पहुंचीं

शुरुआती संघर्षों के बाद, धर्मवीर जाखड़ और उनके साथियों ने पुलिस लाइन चूरू परिसर में 'आपणी पाठशाला' की शुरुआत की। यह स्कूल खासतौर पर उन बच्चों के लिए बनाया गया था, जो गरीबी और मजबूरी के कारण शिक्षा से वंचित थे। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी, और आज इस पाठशाला में 250 से अधिक बच्चे नामांकित हैं।

सोशल मीडिया #X व अन्य प्लेटफार्म पर एक्टिव रहते वाले राजस्थान पुलिस विभाग में तैनात धर्मवीर जाखड़ का यह प्रयास अब रंग ले आया। उन्‍होंने जनसहयोग से डेढ़ करोड़ रुपये से ज्‍यादा जुटाए, जिससे चूरू जिला मुख्यालय की देपालसर रोड पर डेढ़ बीघा जमीन खरीदी। यहाँ 'आपणी पाठशाला' के लिए एक दो-मंजिला भवन का निर्माण किया। इसमें बच्‍चे दसवीं तक की पढ़ाई कर सकेंगे।

8 मार्च 2025 को शिक्षा का नया सफर

आज, 8 मार्च 2025 को, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले ये बच्चे चूरू जिला मुख्यालय पर बनाए गए आधुनिक आवासीय स्कूल में शिफ्ट हो गए हैं। यह एक ऐतिहासिक दिन है, जब सड़कों पर भीख मांगने वाले ये बच्चे अब किताबों और कक्षाओं के बीच अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।

अब 'आपणी पाठशाला' केवल चूरू तक सीमित नहीं है। भविष्य में अन्य जिलों के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को भी यहाँ मुफ्त आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा दी जाएगी। धर्मवीर जाखड़ कहते हैं, "पहले मैं अकेला पढ़ाता था, लेकिन अब जनसहयोग से आठ से ज्‍यादा शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं।"

Post a Comment

0 Comments