लोकतंत्र के रक्षक पत्रकारों की आवाज पुलिस के जरिए सरकार दबा रही है सरकार

 

फर्जी मुकद्दमों को लेकर पुलिस प्रशासन का विरोध करेगा राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ




अलीगढ़,। पुलिस मौलिक अधिकारों और आज़ादी की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसलों को लेकर जागरूक नहीं है और इसलिए कोई मीडिया संस्थान इन क़ानूनों के अतार्किक इस्तेमाल से सुरक्षित नहीं है। सिर्फ़ अभी नहीं, बल्कि पिछले काफ़ी वक़्त से पत्रकार पुलिस द्वारा फर्जी मुकद्दमें अपने ऊपर झेल रहे हैं। ख़ासकर, उत्तर प्रदेश के मण्ड़ल अलीगढ़ में पत्रकारों के खिलाफ एफ़आईआर के कई मामले सामने आए हैं। उक्त बातें राष्ट्रीयपत्रकार महासंघ की साप्ताहिक बैठक के दौरान पत्रकारों ने राजा महेन्द्र प्रताप पार्क तस्वीर महल पर व्यक्त कीं। 

पत्रकारों ने यह भी कहा कि प्रदेश में हो रही पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए और उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए। विभिन्न समाचार पत्रों और चैनलों में कार्यरत पत्रकारों को शासन स्तर पर सूचीबद्ध किया जाए। उत्तर प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन किया जाए। किसी भी पत्रकार पर जब तक मुकद्दमा दर्ज ना किया जाए, जब तक पुलिस के उच्च अधिकारी द्वारा उस प्रकरण की जांच न कर लें। 

जिलाध्यक्ष राष्ट्रीयपत्रकार महासंघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र राघव ने कहा कि सरकार सच्ची पत्रकारिता के सवालों से घबराई हुई है। लोकतंत्र के रक्षक पत्रकारों की आवाज पुलिस के जरिए सरकार दबा रही है। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया का कोई व्यक्ति सरकार की नाकामियों की ओर जनता का ध्यान खींचता है तो सरकारी एजेंसियों के माध्यम से उसे परेशान किया जाता है।

भारत सरकार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करना चाहिए और साथ ही, पत्रकारों को निशाना बनाना और स्वतंत्र मीडिया के मुंह पर ताले लगाना बंद करना चाहिए।

पत्रकारों ने कहा कि सरकारी तंत्र द्वारा बड़े पैमाने पर असहमति को कुचलने के साथ-साथ पत्रकारों को निशाना बनाने की कार्रवाई ने सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों स्तरों पर बेखौफ़ होकर धमकाने, हैरान-परेशान करने और दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इस मौके पर मुशीर अहमद खां,धर्मेन्द्र राघव,पुष्पेन्द्र सिंह,अहोराम सिंह राजोरिया,अनवर खान,जाकिर भारती,दीपक कश्यप,पंकज शर्मा,रविन्द्र जादौन,दिलशाद सैफी,सत्यवीर सिंह यादव,मौ. राशिद,वीरेन्द्र अरोरा,रॉकी ऑलोक,बबलू खां,वसीम खां,रोहित कुमार,रूपकिशोर राजपूत,राजेन्द्र कुमार,अतर सिंह प्रधान,शकील ,शाहिद चौहान,मनोज चौहान,योगेन्द्र प्रताप सिंह ,गुलाम नबी,सहित दर्जनों पत्रकार बैठक में मौजूद थे।


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