सुदामा दरिद्रता के नही जनहितकारी स्वाभिमान व सच्ची मित्रता की प्रतिमूर्ति थे ---योगी सत्यमजी महाराज

 


             (श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ 7वां दिन)


प्रयागराज। व्यक्ति के जीवन का वास्तविक उद्देश्य परोपकारी व सन्तोषमयी जीवन है। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के 7वें दिन व्यास पीठ से योगी सत्यमजी महाराज ने कृष्ण-सुदामा की कथा के दौरान लोगों को समाज व राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार बनने को प्रेरित करते हुए यह संदेश दिया।

   जानकारी के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर पार्क में कथावाचक योगी सत्यमजी महाराज ने कृष्ण-सुदामा की सच्ची मित्रता का सजीव चित्रण करते हुए बताया कि सांसारिक मायामोह से परे परम सन्तोषी स्वभाव से मात्र ईश्वर की भक्ति में लीन सुदामा दरिद्रता के नही बल्कि अभाव में भी जनहितकारी  सोच वाले सच्चे मित्रता की प्रतिमूर्ति थे। इस अवसर पर पीडब्ल्यूएस प्रमुख आर के पाण्डेय एडवोकेट (हाई कोर्ट इलाहाबाद) तथा लघु उद्योग महानगर अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कलाकारों को सम्मानित किया। इस मौके पर पवन नन्दन गिरी महाराज, ऋतुराज बसन्त गुप्ता, रामेश्वर गोस्वामी भारद्वाज मंडल संयोजक, महादेव चौबे सहसंयोजक महानगर, सनी सहित सैकड़ों भागवत प्रेमी उपस्थित रहे।

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