मुकेश सिंघल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने पर उनका स्वागत किया


अलीगढ़ । रामघाट रोड स्तिथ होटल में एफ़॰एस॰एम॰आई॰ द्वारा एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें मुकेश सिंघल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने पर उनका स्वागत किया गया। मुकेश सिंघल एफ़॰ए॰एम॰आई॰ के चीफ़ कन्वीनर भी है मानव महाजन के कहा जब किसी संस्था का कोई सदस्य किसी ऊँचाई पर पहुँचता है तो पूरे संगठन के लिए यह सम्मान की बात होती है इसी शृंखला में पेंडिमिक के समय जो एफ़॰एस॰एम॰आई॰ द्वारा दवा बैंक , फ़ूड बैंक और ऑक्सिजन बैंक में जिन जिन सदस्यों द्वारा सहभागिता की गयी थी उसमें सुमित देव मोटर्स, सुभाष लिटल,मुनेंद्र सुरेंद्र बुक डिपो,सुमित कुंजिलाल,मुकेश अनंत,संजीव स्क्रैप ग्रीन व्यू रिज़ॉर्ट, सौरभ बालजीवन, सुमित आर॰सी॰एस॰, उर्वशी गौर मनीष इक्स्पॉर्ट, प्रमीत ऑर्किड ब्लू , शरद होमेफ़िट,टोनी, वैभव राठी मोटर्स, पीयूष के हार्डवेयर ,ऋषभ एम॰आर॰एस॰ इस्पात,विकास ऑटो,सम्मान पत्र देकर इन सभी का आभार व्यक्त किया गया , इसी मीटिंग अलीगढ़ का ड्रीम प्रॉजेक्ट डिफ़ेन्स और ख़यामई को लेकर भी एक रणनिती भी बनाई गयी जिसने अभिशेक वार्ष्णेय को सर्वसमत्ति से समिति का आयोजक बनाया गया अभिषेक सभी सम्बंधित अधिकारियों से मिलकर सभी लघु और मीडियम उध्योगों की बात सरकार और मंत्री तक पहुँचाएँगे और जिस रेट पर डिफ़ेन्स कॉरिडर में सभी इंडस्ट्रीज़ को ज़मीन उपलब्ध कराई गयी है उसी अनुपात में अन्य इंडस्ट्रीज़ को भी ज़मीन आवंटित करायी जाएगी चाहे इसके लिए सरकार से दो दो हाथ क्यू ना करना पड़े अभिषेक ने कहा कि सरकार द्वारा लखनऊ समिति में जो जो व्यापारियों को सपने दिखाए गए थे उनको पूरा कराने का भी वक्त आ गया है लखनऊ समिट को केवल चुनावी अखाड़ा नहीं बनने देंगे अलीगढ़ में पिछले 5 सालो से ना जाने कितने क्लस्टर की रिपोर्ट बना बना कर सम्बंधित विभाग द्वारा सपने दिखाए गए है मगर एक भी क्लस्टर का लाभ अलीगढ़ वासियों को नहीं मिला है और कई क्लस्टर का तो पैसा आकर वापस चला गया या विभाग द्वारा उसे दूसरे मद में ख़र्च कर साफ़ कर दिया गया , सौरभ बालजीवन के कहा कि यह सब जानते है कि जितना पैसा कोविड और उध्योगो के लिए केंद्र सरकार से अलीगढ़ को दिया गया उतना कभी नहीं दिया गया होंगा पर विकास के नाम पर अलीगढ़ के उध्यमी ख़ाली हाथ खड़े है सब एक सपनो की माला लिए हुए। अनमोल कहा कि ख़यामई में को इंडस्ट्रीयल इस्टेट बनाया जा रहा है उसको व्यापारियों से आवंटित दर से ना लेकर सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन राशि से डेवलप कराएँगे जिससे कम से कम वित्तीय भाग उध्यमी पर पड़े।

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