एएमयू के साथ ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के अकादमिक संबंध

अलीगढ़, जून 21ः भारत के साथ और विशेष रूप से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ सदियों पुराने साहित्यिक और विद्वानों के संबंधों के अनुरूप, ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अयातुल्ला इब्राहिम रईसी का अलीगढ़ मुस्लिम के साथ सीधा संबंध है क्योंकि उनकी पत्नी डा० जमीला अलम-उल-हुदा एएमयू के दारा शिकोह सेंटर फॉर इंटरफेथ अंडरस्टैंडिंग एंड डायलॉग के तत्वावधान में विगत 13 फरवरी, 2019 को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में शामिल र्हुइं थीं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की बेटी ने भी इस संगोष्ठी में भाग लिया।

एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि मध्य पूर्व के साथ भारत के संबंधों में संपर्क के रूप में कार्य करना एएमयू के लिए खुशी और सम्मान की बात है, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एएमयू शताब्दी समारोह के आभार पर अपने संबोधन में कहा था। विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सम्मानित अतिथि के रूप में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की पत्नी और प्रख्यात विद्वान डा० अलम-उल-हुदा की मेज़बानी का गौरव हासिल किया।  
सर सैयद अकादमी और दारा शिकोह सेंटर फॉर इंटरफेथ अंडरस्टैंडिंग एंड डायलॉग, एएमयू के निदेशक प्रोफेसर अली मुहम्मद नकवी ने कहा कि डा० जमीला अलम-उल-हुदा “वैश्विक धर्मोें में परिवार का महत्व” विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में सम्मानित अतिथि एवं वक्ता विशेष थीं। संगोष्ठी के अपने उद्घाटन भाषण में, उन्होंने इस्लाम और भारतीय धर्मों में परिवार के महत्व के साथ-साथ ईरान और भारत के बीच प्राचीन संबंधों और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की विशिष्टता और ईरान में इसकी उच्च प्रतिष्ठा पर चर्चा की।
प्रोफेसर नकवी ने आगे कहा कि डा० अलम-उल-हुदा ने संगोष्ठी के एक सत्र की अध्यक्षता भी की जिसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की बेटी डा० सादात ने एक विद्वतापूर्ण निबंध प्रस्तुत किया, जिसकी एएमयू के विद्वानों ने सराहना की।

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