अलीगढ़ । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कई वर्तमान और पूर्व शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की दुखद मौतों के मद्देनजर, एक नए प्रकार के कोविड संक्रमण के अलीगढ़ शहर के सिविल लाइन्स क्षेत्र में पाए जाने के संदेह के मद्देनजर इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च द्वारा चयनित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के कोविड प्रयोगशाला द्वारा एकत्रित कोविड नमूनों को वायरल जीनोम अनुक्रमण तथा आगे के परिक्षण के लिए सीएसआईआर इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। ये नमूने अमुवि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर के पत्र के साथ आई सी एम आर के नियमों के अनुसार भेजे गए हैं।
प्रोफेसर मंसूर ने आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव से अनुरोध किया है कि वे संबंधित आईसीएमआर अनुभाग एवं विभाग को इन कोविड 19 नमूनों का विश्लेषण करने का निर्देश दें। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘यह आपके ध्यान में लाया जाना है कि 16 एएमयू शिक्षक, कई अन्य सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी, जो विश्वविद्यालय परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में निवास कर रहे थे, कोविड 19 से मर चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि विश्वविद्यालय से सटे सिविल लाइंस क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का वायरस फैल रहा है‘।
प्रोफेसर मंसूर ने लिखा है कि “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि हमारे लैब से भेजे गए कोविड 19 नमूनों का विश्लेषण करने के लिए आईसीएमआर के संबंधित अनुभाग तथा विभाग को निर्देशित करें ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोविड-19 वायरस की कोई नई किस्म तो अलीगढ़ में विकसित नहीं हो रही है जिस से बीमारी की गंभीरता को बढ़ावा मिल रहा है ताकि प्रस्तावित उपायों के प्रकाश में हम महामारी के उन्मूलन के लिए उपयुक्त उपायों पर विचार कर सकें।
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