अस्पताल में पेमेंट ऑनलाइन होना चाहिए, सरकार पीछे बीमारी और भ्रष्टाचार आगे चल रहा, पारदर्शिता की सख्त जरूरत : फैजान अहमद खान

 


                           Photo:- फैज़ान अहमद खान

अलीगढ़ । कोविड-19 के बढ़ते मरीजों या फिर आम बीमारी से  दूध रहे मरीजों को इलाज के लिए सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की बढ़ती शिकायतों को देख अस्पतालों का रवैया हर स्तर पर  रुपए पैसों को लेकर खराब नजर आता है. कई अस्पतालों में तीमारदारों ने बताया कि लाखों रुपए खर्च हो गए  और फिर भी उनका मरीज नहीं बचा  और आगे बताया कि दवाइयों के नाम पर, आईसीयू के नाम पर, ऑक्सीजन के नाम पर, वेंटिलेटर के नाम पर, टेस्ट के नाम पर, लैब के नाम पर, लाखों रुपए ठग लिए गए फिर भी मरीज नहीं बचा, ऐसी बातों से जाहिर है कि अस्पतालों में इस समय सर्वाधिक रुपयों का लेनदेन चल रहा है. यह कैसी सरकार इससे अच्छा तो गूगल से ही सीख लो जो आने वाले भविष्य के लिए काम करती है, पुलिस लेती कड़े फैसले करती कार्यवाही परंतु जनप्रतिनिधि डालते अड़ंगा और बचाते भ्रष्टाचारियों को.



प्राइवेट अस्पताल में साथी के पिता का पर्चा बनवाया गलती से पर्स घर रह गया, ऑनलाइन पेमेंट करने की बोला परंतु अस्पताल किसी भी कीमत पर ONLINE PAYMENT लेने को तैयार नहीं, मोदी सरकार की नाकामी कहेंगे या फिर एक घोटाला जो मरीज की बीमारी से चालू होता है और फिर दवाई, जांचें, ऑपरेशन और इस समय कोरोना काल में ऑक्सीजन, दवाइयों आदि की कालाबाजारी का खात्मा कैसे संम्भव है? जब जनप्रतिनिधि ही साझेदार दिखे तो कैसे होगा इलाज, कैसे मिलेगा ईमानदारी से इलाज, अस्पताल में कोई भी परेशानी या संकट आता है तो मौजूदा जनप्रतिनिधि तुरंत अस्पताल को बचाने के लिए पहुँच जाते हैं और पीड़ित मरीज और परिजनों को ना देख कर अस्पताल का पाठ लेते हैं, जबकि पुलिस अपना कर्तव्य निभाते हुए कड़ी कार्रवाई करती है, पिछले दिनों रामघाट रोड के कई अस्पतालों में यही देखने को मिला...50 सिलेंडर प्रतिदिन लेने वाले सांसद को भी हिसाब जनता को देना होगा.


अस्पताल को मोदी जी के डिजिटल इंडिया, सशक्त भारत के नाम पर ऑनलाइन होना चाहिए अस्पतालों पर सरकार को कड़ाई से पेश आना चाहिए और मरीजों एवं मरीजों के तीमारदारों से वसूली जा रही लाखों की राशि का हिसाब किताब सरकार लें और पीड़ितों को इंसाफ दिलाएं, प्राइवेट अस्पतालों में वसूले जा रहे हरे व गुलाबी रंग के नोट जो बिना हिसाब किताब के साथ भी काले धन बनाया जा रहा है उसकी जांच कौन करेगा?

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