“ऑपरेशन निहत्था”….. आपराधिक इतिहास है और लाइसेंसी असलहा भी है तो निहत्था बनना पड़ेगा..




 हिस्ट्रीशीटर/संगीन अपराधियों के खानदान के असलहे खंगालना शुरू


                        Photo:- एस.एस.पी अलीगढ़

 अलीगढ़ । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के कुशल निर्देशन में जनपद पुलिस द्वारा ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारक या उनके परिजन /निकट संबंधी अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और जिनके विरुद्ध आपराधिक अभियोग पंजीकृत/लंबित/विचाराधीन है, उन को चिन्हित कर उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई हेतु ऑपरेशन निहत्था शुरू किया गया है।

जिस के क्रम में अपराधियों के शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण हेतु रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को प्रेषित करने हेतु आदेशित किया गया है ।

एसएसपी द्वारा सभी अधीनस्थों को निम्न बिंदुओं की समीक्षा करते हुए असलहा धारकों के लाइसेंसों एवं क्रय किए गए तथा चलाए गए कारतूसों का मानक के अनुसार संख्या में गहनता से अवलोकन परीक्षण करने हेतु तथा शस्त्र लाइसेंसों के संबंध में गहन जानकारी कर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने हेतु  निर्देशित किया गया है।

1- यदि शस्त्र धारक का शस्त्र थाने के मालखाने में जमा है और किसी मुकदमे से संबंधित है तो इस प्रकार के शस्त्र धारकों के शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाए।

2-सर्वप्रथम सत्यापन के दौरान यह देखा जाए कि शस्त्र लाइसेंस धारक अपने शस्त्र का रखरखाव स्वयं कर रहा है और शस्त्र उसी के पास है। यदि शस्त्र धारक का शस्त्र सत्यापन के दौरान धारक के पास नहीं पाया जाता है और अन्य व्यक्ति के पास रखा जाना/ भेजा जाना पाया जाता है तो उसके विरुद्ध लाइसेंस के सम्बन्ध में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

3--कुछ शस्त्र धारकों द्वारा शस्त्र लाइसेंस /उसकी नवीनीकृत वैधता की दिनांक के उपरांत भी नवीनीकरण नहीं कराया गया है ऐसे शस्त्र धारकों के शस्त्र लाइसेंस अनाधिकृत रूप से रखे हुए माने जाएंगे। 

4-यह भी देखा जाए कि शस्त्र लाइसेंस धारक द्वारा वर्ष में शस्त्र लाइसेंस पर कितने कारतूस क्रय किए गए हैं और कितने कारतूस सत्यापन के दौरान उसके पास उपलब्ध हैं। मानक के अनुसार संख्या में चलाए गए कारतूस के खोखे तथा चलाए जाने का कारण धारक के पास है या नहीं। यदि विवरण उपलब्ध नहीं है तो विधिक कार्यवाही की जायेगी ।

5-सत्यापन के दौरान यदि देखा जाए कि शस्त्र लाइसेंस धारक के परिजन/निकट संबंधी अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति तो नहीं है, जिसके कारण भविष्य में दुरुपयोग होने की संभावना हो। यदि शस्त्र धारक के परिजन/ निकट संबंधी अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं 

आदि उपरोक्त परिस्थितियों में शस्त्र अधिनियम/नियमवाली में दिए गये प्रावधानों के अनुरूप नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही करने पर विचार अपेक्षित है। 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अलीगढ़ ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि कहीं पर भी यदि लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन होता है तो अंतर्गत 30 आर्म्स एक्ट मुकदमा पंजीकृत करें।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया आदि पर भी अवैध तरीके से अवैध असलहा, लाइसेंसी असलहे लहराने वालों के विरुद्ध भी  मुकदमे , आर्म्स एक्ट के अंतर्गत दर्ज  करने के आदेश दिए गए हैं ।

एसएसपी अलीगढ़ द्वारा पंचायत चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाये रखने हेतु पुलिस अधीक्षक नगर व पुलिस अधीक्षक देहात को लाइसेंसी असलहा जमा कराने हेतु निर्देशित किया गया ।

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