टीबी का इलाज मुफ्त, पूरा कराएं इलाज, खुद बचे और दूसरों को भी बचाएं

               (अधूरा इलाज कराने से ठीक नहीं होती टीबी)


अलीगढ़ । क्षय रोग में लापरवाही घातक हो सकती है लक्षण आते ही टीबी रोग की जांच (टीबी) कराकर इसका इलाज शुरूकर देने से इस जानलेवा बीमारी से ना बचा जा सकता है, बल्कि पूरी तरह ठीक होकर नया जीवन लिया जा सकता है । 
इलाज में लापरवाही जानलेवा हो सकती है । इस बीच में इलाज खोलने पर यह बीमारी और ख़तरनाक रूप ले लेती है । 
इसलिए जरूरी है कि क्षय रोग का इलाज पूरा लिया जाए। 
टीबी की जो आज से लेकर दवाओ का खर्चा भी सरकार उठा रही है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अनुपम भास्कर ने बताया कि टीबी एक गंभीर बीमारी है, इसे लोग वह दौर में हल्के में लेते हैं और जब वह बीमारी गंभीर हो जाती है तब इलाज शुरू कराते हैं ।
 यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो बीमारी को हराया जा सकता है । 2025 तक क्षय मुक्त भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग की टीमें लगातार क्षय रोगियों को खोजने का काम कर रही है । 
26 दिसम्बर से 25 जनवरी तक चले सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) में कुल 254 मरीज खोजे गए हैं और का इलाज भी शुरू कर दिया गया है । 
इस समय दस्तक अभियान में भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें टीबी के नए मरीजों की खोज में लगी हुई है । जनवरी से अब तक 1913  मरीजों का सरकारी अस्पताल और 1299 मरीजों का प्राइवेट पंजीकृत अस्पताल में इलाज चल रहा है । इस समय  5076 टीबी मरीज  उपचाराधीन है ।

टीबी के लक्षण:
-3 सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है ।
-छाती में दर्द, वजन का घटना, भूख में कमी आना
-बलगम के साथ खून आना
-फेफड़े का इन्फेक्शन और सांस लेने में दिक्कत टीबी के लक्षण हो सकते हैं ।

टीबी से बचाव:
-टीबी से बचाव के लिए बच्चों को जन्म से 1 माह के अंदर टीबी का टीका लगवाएं ।
-खासते समय मुंह पर रुमाल रखें ।
-रोगी जगह-जगह ना थूके इसके साथ ही अल्कोहल और धूम्रपान का प्रयोग ना करें ।
-बीमारी होने पर पूरा इलाज कराने से की बीमारी ठीक भी हो जाती है ।

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