वल्र्ड डाउन सिंड्रोम के अवसर पर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

 


अलीगढ़ 31 मार्च अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज में भारत सरकार के स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर एण्ड सेंटर आफ एक्सीलेंस में वल्र्ड डाउन सिंड्रोम के अवसर पर चिकित्सा अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गयी तथा बच्चों के अभिभावकों के साथ समूह बैठक भी की गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारियों को डाउन सिंड्रोम के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के साथ उनको इस रोग से प्रभावित बच्चों की जांच एवं उपचार प्रबंधन में प्रशिक्षित किया गया। सेंटर में वर्तमान में 119 बच्चों का उपचार चल रहा है जिसमें 45 लड़कियां तथा 74 लड़के शामिल हैं।

कार्यशाला मे डाक्टर गुलनाज नादरी,डाक्टर मुहम्मद राशिद इकबाल,डाक्टर मुहम्मद नवेद उर रहमान,डाक्टर फिरदौस जहां,श्रीमती नुसरत जहां,सुश्री अनम खालिद और सुश्री सूबी ने डाउन सिंड्रोम के बारे में बताया कि यह अनुवांशिक जन्म दोषों में से जो लगभग 8 सौ या एक हजार बच्चों में किसी एक बच्चे में पाया जाता है। इसकी गंभीरता हर बच्चे में अलग होती है। अधिकतर बच्चे काफी स्वस्थय हो सकते हैं जबकि कुछ बच्चों को शारीरिक और मानसिक विकास से जुड़ी परेशानियां हो सकती है। इसके सामान्य चिन्हों में चपटा चेहरा,आंख की बाहरी सतह का उपर की ओर चढ़ा होना,छोटी गर्दन और छोटे कान,मुह से बाहर निकली रहने वाली जीभ,मासपेशियों में कमजोरी,चैड़े,छोटे हाथ हथेली में एक लकीर का होना,छोटा कद आदि शामिल हैं। वक्ताओं ने कहा कि डाउन सिंड्रोम की बेहतर समझ और शुरूआती हस्क्षेप बच्चे के जीवन को एक नई दिशा दे सकता है।

बच्चों के अभिभावकों के साथ समूह बैठक में मुहम्मद नौशाद ने इस रोग से प्रभावित बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। डाउन सिंड्रोम से प्रभावित बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। जिसका निर्देशन डाक्टर फिरदौस जहां ने किया।

इससे पूर्व कार्यशाला के उद्घाटन कार्यक्रम में डीईआईसी के मानद् सलाहकार प्रोफेसर तबस्सुम शहाब ने स्वागत भाषण दिया। मुख्य अतिथि जेएन मेडीकल कालिज के प्राचार्य एवं सीएमएस प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने कहा कि जितनी जल्दी इलाज शुरू करें लाभ भी उतना ही जल्दी होने की उम्मीद होती है। एसीएमओ डाटर एसपी सिंह ने डाउन सिंड्रोम पर चर्चा की। डीईआईसी के कनवीनर प्रोफेसर कामरान अफजाल ने आभार जताया। 

नोडल आफीसर डाक्अर उज़मा फिरदौस ने इस दिवस के बारे में परिचय कराया। इस दौरान प्रोफेसर सैयद मनाजिर अलीमोहम्मद अहमद और मोहम्मद अनवर सिद्दीकी भी मौजूद रहे।

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