Photo:- थर्ड पार्टी
अलीगढ़ ।अच्छे स्वस्थ्य के लिये नींद लेना सबसे ज़रूरी है विशेष तोर पर जारी कोरोना संकट में इसका महत्व और भी बढ़ जता है। यह बात जेएन मेडिकल कालिज के मानसिन रोग विभाग ने प्रोफेसर एसए आज़मी ने विश्व स्लीप-डे के अवसर पर आयोजित एक आभासी कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने जीवन का एक तिहाई भाग सोने में गुजार देता है। अच्छी नींद शारीरिक ऊर्जा के संरक्षण, याददाश्त एवं एकाग्रता शरीर एवं शरीर के तापमान को ठीक रखने हेतु आवश्यक है।डा० आज़मी ने कहा कि नींद का कम आना, ज्यादा आना या नींद में असमान्य व्यवहार सपना आदि समस्याएं हो सकती हैं। इसके समाधान के लिए दवा से पहले स्लीप हाइजिन एक अच्छा विकल्प है। स्लीप हाइजिन में इन बातो पर विशेष ध्यान देना होता है। जैसे सोने के बिस्तर पर तभी जायें जब नींद महसूस हो। बिस्तर पर जाने के बाद अगर बीस मिनट में नींद न आये तो बिस्तर पर लेटे न रहें। प्रत्येक दिन समय पर जागना आवश्यक है। अच्छी नींद के लिए दिन में न सोये नियमित व्यायाम करना चाहिए।
प्रोफेसर आज़मी ने कहा कि शराब, काफी, सिगरेट, बीड़ी नशीले पद्धार्थ से बचना चाहिए तथा रात्रि भोजन हल्का तथा निर्धारित समय ग्रहण करना चाहिए, शयन कक्ष में प्रकाश, हवनि और तापमान उचित हो न ज्यादा हो न कम शयन कक्ष में घड़ी पर बार-बार निगाह न डालें। बिस्तर पर सोने से पहले चिंता न केरें अपनी दैनिक दिन चर्या को समय से पूर्ण करने की हर सम्भव प्रयास करें।
स्लीप हाइजिन के करने के बाद भी यदि नींद ठीक तरह से नहीं आती है तो अपने निकटतम अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लेना ही समझदारी और जागरूकता है।
डा० आज़मी का कहना है कि अगर कोई मानसिन तनाव के कारण आनिद्रा का शिकार है तो जीवन शेली में बदलाव की ज़रूरत है।
प्रोफेसर आज़मी ने कहा कि शराब, काफी, सिगरेट, बीड़ी नशीले पद्धार्थ से बचना चाहिए तथा रात्रि भोजन हल्का तथा निर्धारित समय ग्रहण करना चाहिए, शयन कक्ष में प्रकाश, हवनि और तापमान उचित हो न ज्यादा हो न कम शयन कक्ष में घड़ी पर बार-बार निगाह न डालें। बिस्तर पर सोने से पहले चिंता न केरें अपनी दैनिक दिन चर्या को समय से पूर्ण करने की हर सम्भव प्रयास करें।
स्लीप हाइजिन के करने के बाद भी यदि नींद ठीक तरह से नहीं आती है तो अपने निकटतम अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लेना ही समझदारी और जागरूकता है।
डा० आज़मी का कहना है कि अगर कोई मानसिन तनाव के कारण आनिद्रा का शिकार है तो जीवन शेली में बदलाव की ज़रूरत है।
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