अमुवि में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित
अलीगढ़, 26 जनवरीः हमारा संविधान मौलिक कानूनों का मात्र एक संकलन नहीं है जो शासन के आधार का निर्माण करता है, बल्कि यह कुछ बुनियादी मूल्यों, दर्शन और उद्देश्यों का प्रतीक है। इन मूल्यों को संविधान की प्रस्तावना में भलीभांति परिकल्पित किया गया है जिसकी वस्तुतः अभिव्यक्ति प्रजातंत्र के उच्च आदर्शों - संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, मानवीय गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता में होती है।
यह बात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने स्ट्रेची हाल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय शिक्षकों एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने 72 वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर भारत का झंडा फहराने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि आज ही के दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत को एक गणतंत्र का स्वरूप प्राप्त हुआ था।
प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि हमारे राष्ट्र के संस्थापकों ने विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों, नस्लों और भाषाओं के आपसी सह-अस्तित्व के साथ भविष्य की कल्पना की थी। एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने भी विविधता में एकता के विचार को इस संस्था के आधारभूत सिद्धांतों में शामिल किया था। यही कारण है कि इस विश्वविद्यालय के द्वार जाति, पंथ, क्षेत्र और धर्म के भेदभाव के बिना हमेशा सभी के लिए खुले रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि सभी वर्गों के अंथक प्रयासों से हम उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के केन्द्र के रूप में एएमयू को विकसित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत 100 वर्षों के दौरान एएमयू ने विद्वेता तथा बौद्धिक संचरण के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि यह बात हमारे लिये हर्ष का विषय है कि शताब्दी समारोह में विश्वविद्यालय बिरादरी को संबोधित करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया तथा अपने महान विचारों से हमें नवाजा़। प्रधान मंत्री के उत्साहवर्धक शब्दों ने राष्ट्र निर्माण के कार्य को एक नए जोश तथा क्षमता के साथ आगे बढ़ाने का हमें दृढ़ संकल्प दिलाया। एएमयू को ‘मिनी इंडिया’ के रूप में संदर्भित कर उन्होंने इसके महानगरीय और धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की पुष्टि की है।
उन्होंने एसटीएस स्कूल के छात्र, एम शादाब को पीएम युवा पुरस्कार जीतने और माननीय प्रधान मंत्री के साथ बातचीत करने के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि एएमयू में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त 20 विभिन्न देशों के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
कुलपति ने कहा कि अमुवि के शताब्दी वर्ष को यादगार बनाने के लिये हमने सेंटेनरी गेट के निर्माण का कार्य जनवरी 2020 में प्रारंभ किया था जिसे युद्ध स्तर पर पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह शताब्दी गेट एएमयू की अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत और सर सैयद की भावनाओं के अनुरूप हमारे लिये प्रेरणा का श्रोत साबित होगा।
उन्होंने कहा कि एएमयू के शानदार इतिहास को संरक्षित करने के लिए गणतंत्र दिवस समारोह के इस महान अवसर पर एक टाइम कैप्सूल को आज दफनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एएमयू ने कोविड-19 रोगियों के परीक्षण और उपचार और टीका परीक्षण के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं इस प्रयास का श्रेय विशेष रूप से जेएन मेडीकल कालिज के डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सम्पूर्ण एएमयू बिरादरी को देता हूं।
उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने तथा सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन कार्यक्रम चल रहा है, जो वैक्सीन उत्पादन में सबसे आगे रहा है।
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि नये शताब्दी वर्ष में रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में डीएम (कार्डियोलाजी), पीजी डिप्लोमा इन पेन मैनेजमेंट, इंटेंसिव केयर और न्यूरो-एनेस्थीसिया, खाद्य प्रौद्योगिकी में बीटेक, सौर ऊर्जा, जैव-चिकित्सा इंजीनियरिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आपदा प्रबंधन, भूकंप इंजीनियरिंग तथा रोबोट इंजीनियरिंग में एम टेक, डेटा विज्ञान, फोरेंसिक और डिजिटल विज्ञान और कृषि विज्ञान में एमएससी शामिल हैं।
प्रो मंसूर ने कहा कि टीमवर्क, आपसी परामर्श, समन्वय तथा योजना विश्वविद्यालय की परियोजनाओं की सफलता की पहचान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सुचारू प्रबन्धन में शिक्षकों, सहायक कर्मचारियों, छात्रों, पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों के समर्थन के लिए मैं उनका ऋणी हूं।
कुलपति ने सभी से एकजुट, निडर और सकारात्मक होकर भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के संघर्षों का भी स्मरण किया तथा महात्मा गांधी, डा बीआर अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, खान अब्दुल गफ्फार खान और मौलाना आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रोफेसर मंसूर ने अपनी पत्नी डॉ हमीदा तारिक के साथ इस अवसर को यादगार बनाने के लिए वृक्षा रोपण भी किया। विश्वविद्यालय के छात्रों, नायला अल्वी और आसिफ सऊद ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में एएमयू के सहकुलपति प्रोफेसर जहीरुद्दीन तथा रजिस्ट्रार, श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस) भी उपस्थित थे। ध्वजारोहण समारोह का संचालन कुलसचिव श्री अब्दुल हमीद ने किया, जिन्होंने संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी और अखंडता शपथ दिलाई।
विश्वविद्यालय ने सभी कार्यालयों, संकायों, कॉलेजों, विभागों और स्कूलों में समारोह आयोजित किये गये। राष्ट्रीय ध्वज को प्रशासनिक ब्लाक भवन, कुलपति लाज, मौलाना आजाद लाइब्रेरी, कला संकाय, विश्वविद्यालय के सभी स्कूलों और कॉलेजों, सभी संकायों के डीन तथा डीएसडब्ल्यू के कार्यालयों, सभी प्रोवोस्ट कार्यालयों और प्रॉक्टर कार्यालय पर फहराया गया।
इसके अतिरिक्त कुलपति ने सर सैयद अकादमी में पांच पुस्तकों का विमोचन किया। जिनमें ‘‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीः ए शाट इंट्रोडक्शन’’, अंग्रेजी विभाग की डा. विभाग शर्मा द्वारा लिखित ‘‘कर्नल बशीर हुसैन जै़दी’’, वीमेन्स कालिज की डा. सदफ फरीद द्वारा लिखित ‘‘नवाब सुल्तान जहा बेगम’’, अंग्रेजी विभाग के डा. सुनिज कुमार शर्मा द्वारा लिखित ‘‘राजा जयकिशन दास’’ तथा वीमेन्स कालिज के डा. रजा़ अब्बास द्वारा लिखित ‘‘सर रास मसूद’’ शामिल हैं। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर सैयद हकीम जिल्लुर रहमान (कोषाध्यक्ष), सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मोहम्मद नक्वी, डिप्टी डायरेक्टर डा. मोहम्मद शाहिद, प्रोफेसर फरहत उल्लाह खान, प्रोफेसर नईमा खातून तथा प्रोफेसर शकील समदानी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में सहकुलपति प्रोफेसर जहीर उद्दीन और डा. हमीदा तारिक भी मौजूद रहीं।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सर सैयद हाउस के प्रांगण में बेगम मुशर्रफ जहां रोज़ गार्डेन का उद्घाटन किया।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर उर्दू विभाग द्वारा एक अंतर्राष्ट्रीय आनलाइन मुशायरा (काव्य संगोष्ठी) का आयोजन किया गया कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने मुशायरा की अध्यक्षता की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सहकुलपति प्रो जहीरुद्दीन ने कार्यक्रम में भाग लिया।
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