दिल्ली की मेट्रोपॉलिटियन कोर्ट में विदेशों से आए जमातीयों को लेकर फैसला सुनाया ,अलीगढ़ में बंद दोनों श्रीलंका के लड़को को भी उनके देश भेजा जाए। आलेनबी वरिष्ठ अधिवक्ता

                      PHOTO:- सीनियर एडवोकेट आले नबी

उत्तर प्रदेश/ अलीगढ़ पुलिस ने तबलीगी जमात के सदस्यों को सिर्फ जुर्माने देकर छोड़ने पर कोई आपत्ति नहीं जताई इन विदेशी नागरिकों की पहली खेप अब अगले मंगलवार को अपने देश वापस लौट सकती है, और अलीगढ़ के वरिष्ठ वकील ने कहा कि इसी खेप के साथ अलीगढ़ में बंद दोनों श्रीलंका के लड़को को भी उनके देश भेजा जाए।

आज दिल्ली की मेट्रोपॉलिटियन कोर्ट में विदेशों से आए जमातीयों को लेकर फैसला सुनाया गया है आपको बता दें कि मार्च के महीने में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया था, इसी दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के लोगों ने एक मरकज का आयोजन किया था और उस आयोजन में काफी तादाद में विदेशी भी मौजूद थे और अचानक से लगे लॉकडाउन में वह भी फंस गए, उन दिनों तबलीगी जमात पर कोरोनावायरस का आरोप लगा रहे थे दिल्ली पुलिस ने इस दौरान जमात के कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था जिसमें काफी तादाद में विदेशी नागरिक हैं और अब दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें रिहा कर दिया है इन पर 7 से 10 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया है।

*सीनियर एडवोकेट आले नबी श्रीलंका के दो जमाती का लड़ रहे मुकदमा।*


इसी जमात से ताल्लुक रखने वाले श्रीलंका के दो जमाती मोहम्मद हिप्पलुस रहमान 26 वर्षीय व मोहम्मद मुर्शिल 27 वर्षीय भी अलीगढ़ जेल में बंद है उन पर भी यही आरोप है कि वह भी दिल्ली के मरकज से अलीगढ़ आकर जमात का काम कर रहे थे और उनके वीजा को लेकर पुलिस ने आपत्ति जताई और उन्हें कोर्ट में पेश कर दिनांक 5 मई 2020 को अलीगढ़ जेल भेज दिया।

श्रीलंका के निवासी है हिप्लस रहमान व मोहम्मद मुर्शील के वकील सीनियर एडवोकेट आले नबी ने दिल्ली के आज के जमातीयो के ऊपर आए फैसले को सराहा है, और उन्होंने कहा है कि 7 से ₹10 हजार रूपये देकर जमाती अपने घर चले जाएं उससे अच्छा फैसला कहीं नहीं हो सकता, और उन्होंने अपने दोनों श्रीलंका के जमातीयों जो अलीगढ़ जेल में बंद है उनके लिए कहा कि वह भी अलीगढ़ जिला जज से दरखास्त करेंगे कि वह दिल्ली के इस फैसले को देखते हुए इन दोनों जमातीयों पर भी केवल जुर्माना लगाकर इन्हें वापस इनके देश भेजने का कष्ट करें, ताकि यह भी नौजवान लड़के अपने देश वापस श्रीलंका जाकर अपने घरवालों से जल्द से जल्द मिल सके।

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