केन्द्र व राज्य सरकारों से छोटे व मझोले समाचार-पत्रों के लिये आर्थिक पैकेज की मांग ।

(सोनिया गांधी के दो साल तक सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाये जाने की मांग की निंदा)



                    Photo:- प्रान्तीय महामंत्री प्रदीप शर्मा 

नई दिल्ली / नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के राष्ट्रीय सचिव व उoप्रoजर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रान्तीय महामंत्री प्रदीप शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दो साल तक सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाये जाने वाले बयान की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण मीडिया जगत को पहले ही भारी नुकसान पहुंचा है। पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे छोटे व मझोले समाचार पत्रों को विज्ञापन न मिलने के कारण बड़ी संख्या में बंद करना पड़ रहा है। यदि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दो साल तक सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाने की मांग मानी गई तो बड़ी संख्या में अखबार और चैनल बंद हो जाएगें।इससे हजारों पत्रकार बेरोजगार हो जाएंगे।
   
      श्री शर्मा ने कहा कि बेहतर होता कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी सांसद तथा विधायकों को दो वर्ष तक वेतन व पेंशन नहीं दिए जाने की मांग करती।
   उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी का अपनी गलत नीतियों के कारण सभी राज्यों से उसका सफाया हो रहा है। कांग्रेस पार्टी जनसमस्याओं को उठाकर उनका निदान कराने में भी असमर्थ है। जबकि समाचार पत्र व चैनल जनता की समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाकर जन समस्याओं का समाधान कराने के लिए सरकार को विवश करती है समाचार पत्र बंद होने से जनता की समस्याओं को उजागर कर पाना संभव नहीं होगा।

          श्री शर्मा ने कहा कि आज जिलों और देहाती इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों को तो जीवनयापन करने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तमाम अखबारों ने कर्मचारियों को वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए है।

        उन्होने कहा कि आज केंद्र और राज्य सरकारों से अखबारों और क्षेत्रीय चैनलों को पहले से बहुत कम विज्ञापन मिल रहा है।सोनिया गांधी की गैर वाजिब मांग के बाद तो मीडिया जगत को बहुत बड़ा झटका लग सकता है।

     उन्होने ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव के उपायों की जानकारी देने में मीडिया कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बड़ी भूमिका निभाई है।
         श्री शर्मा ने कहा कि आज  सभी राज्यों में पत्रकारों व समाचार पत्रों के समक्ष आर्थिक संकट पैदा हो गया है इसलिए नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) व उ0प्र0 जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन(उपजा) संगठन ने मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारें पत्रकारों व लधु एंव मध्यम समाचार पत्रों को शीघ्र आर्थिक पैकेज देने की घोषणा करें तथा समाचार पत्रों व टी.वी.चैनलो के बकाया विज्ञापन बिलों का शीघ्र भुगतान करें।ताकि जनमानस को सही सूचनाएं मिलती रहें।उन्होंने पत्रकारों के लिए सरकारी स्तर पर बीमा योजना शुरू करने की भी मांग की गयी है।

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