संवैधानिक रूप से मिले प्रेस को चतुर्थ स्तम्भ का दर्जा " नेशनल प्रेस डे पर पत्रकारों नें उठाई केंद्र सरकार से मांग" आज भी प्रेस बनी हुई है समाज का महत्वपूर्ण आइना"

 अलीगढ़/आज देश में न्यायपालिका,कार्यपालिका व विधायिका के कार्यों के अलावा प्रेस का महत्वपूर्ण स्थान है।लेकिन आज संवैधानिक रूप से प्रेस को लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ का दर्जा मिलना समय की आवश्यकता है।   

उक्त विचार नेशनल प्रेस डे पर उ.प्र. जर्नलिस्ट एसोसिएशन की जिला अलीगढ़ इकाई द्वारा आयोजित "प्रेस की स्वतंत्रता" विषयक सेमिनार में वक्ताओं नें व्यक्त किये।  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला सूचना अधिकारी डॉ संदीप कुमार नें वर्तमान परिवेश में प्रेस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये
तथ्यात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता पर बल दिया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार गौरीशंकर शर्मा नें करते हुए ध्रुव मीडिया गैलेक्सी(डीएमजी) पर आयोजित सेमिनार में वर्तमान व भूतकाल की पत्रकारिता की विषमताओं को बताया। उपजा के प्रांतीय महामंत्री व जिलाध्यक्ष प्रदीप शर्मा नें प्रेस की स्वतंत्रता की आवश्यकता पर बल दिया। संचालक व उपजा के जिला महामंत्री पंकज धीरज नें भारतीय संविधान में प्रेस को चतुर्थ स्तम्भ का दर्जा दिये जानें कि केंद्र सरकार से मांग की।
सेमिनार में मंचासीन उप्र सरकार के निवर्तमान सहायक सूचना निदेशक यतीश गुप्ता,वरिष्ठ पत्रकार रतन वार्ष्णेय, उपजा के तेजवीर सिंह चौहान आदि के साथ प्रशांत हितैषी, विशाल अग्रवाल,आरपी शर्मा,कुं आरिफ अली खां, बीएन शर्मा,मृतुन्जय शर्मा,नीरज कुमार,अनुपम सक्सेना,जहीरुद्दीन,पवन वार्ष्णेय, प्रदीप पंडित,देवेंद्र पाल सिंह,राजकुमार, ठा.अजय प्रताप सिंह,अक्षय गुप्ता  आदि नें भी अपने ओजस्वी विचार रखे।

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