अवैध वसूली करते चार फर्जी पत्रकार गिरफ्तार, पांच दिन की हिरासत में भेजे गएl


गिरफ्तार किए गए सुशील पंडित, उदित गोयल, चंदन राय व नीतीश पांडे को एक अदालत ने पांच दिन की हिरासत में भेज दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मीडिया प्रभारी राकेश भदौरिया ने बताया कि चारों लोगों को शनिवार को जिला अदालत में पेश किया गया।
अवैध वसूली करते चार फर्जी पत्रकार गिरफ्तार, पांच दिन की हिरासत में भेजे गए
गौतमबुद्ध नगर जिले की थाना बीटा-दो पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया। इन पर आरोप है कि वे पत्रकार होने का दावा कर अवैध वसूली करते थे और अपने हित साधने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाते थे।
गिरफ्तार किए गए सुशील पंडित, उदित गोयल, चंदन राय व नीतीश पांडे को एक अदालत ने पांच दिन की हिरासत में भेज दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मीडिया प्रभारी राकेश भदौरिया ने बताया कि चारों लोगों को शनिवार को जिला अदालत में पेश किया गया।
पुलिस के आग्रह पर अदालत ने चारों को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। मीडिया प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से हिरासत के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर गहनता से पूछताछ की जाएगी, तथा यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि अब तक इन लोगों ने कितने लोगों के साथ सांठगांठ करके कितने की काली कमाई की है।
इससे पहले, पुलिस ने बताया कि इनका एक साथी अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। गिरफ्तार फर्जी पत्रकारों में दो इससे पूर्व भी जेल जा चुके हैं।
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों ने कई पुलिसवालों, प्रशासनिक अधिकारियों, प्राधिकरण के अधिकारियों, तथा नेताओं से सांठगांठ कर करोड़ों रूपये की कमाई करने की बात स्वीकार की है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह ने बताया कि पत्रकारिता की आड़ में एक संगठित गिरोह बनाकर, अवैध धनोपार्जन करने, तथा प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने हित साधने वाले गिरोह के चार लोगों को थाना बीटा दो पुलिस ने शुक्रवार देर रात को गिरफ्तार किया।
इनकी गिरफ्तारी गैंगस्टर कानून के तहत हुई है। उन्होंने बताया कि इनका एक साथी रमन ठाकुर अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह गिरोह मुख्य रूप से गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद व लखनऊ में सक्रिय था।
उन्होंने बताया कि यह गिरोह दो प्रकार से अपना कार्य संपादित करता था। इस गिरोह के सदस्य सरकारी सेवकों, विशेषकर पुलिस अधिकारियों को अनुचित आर्थिक लाभ का प्रलोभन देकर व्यक्ति विशेष के पक्ष में कार्य करने के लिए प्रेरित करते थे।
जिलाधिकारी ने बताया कि दो पत्रकारों की गिरफ्तारी नोएडा से, एक की गाजियाबाद से, तथा एक की लखनऊ से हुई है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कार्यालयों को सील कर दिया गया है। copy

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