प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य सागर सिंह तोमर के नेतृत्व में काँग्रेस कुँवार्सी कैंप कार्यालय पर भारत रतन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की 75 वी जयंती पर उनको याद किया गया व उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए।

अलीगढ़ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य सागर सिंह तोमर के नेतृत्व में काँग्रेस कुँवार्सी कैंप कार्यालय पर भारत रतन  पूर्व प्रधानमंत्री  राजीव गांधी जी की  75 वी जयंती पर  उनको याद किया गया व उनके चित्र पर  पुष्प अर्पित किए गए।
सागर सिंह तोमर ने स्वर्गीय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के कुछ बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा आईटी क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है।किन्तु एक अन्य सबसे महत्वपूर्ण काम जो उन्होंने किया टेलीकम्युनिकेशन क्रांति।
पहले जहां एक किलोमीटर में 5 से 10 टेलीफोन दिखाई देते थे, C DOT की स्थापना के बाद हर गली में PCO आ गये।
आसान कम्युनिकेशन के कारण सभी उद्योग धंधे तेजी से बढ़ने लगे।
रेलवे और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों कोकॉम्प्यूटराइज़्ड किया। सरकारी ऑफिसों को नेटवर्क में लाया गया।
1988 में अमेरिका द्वारा दुर्लभ सुपर कम्प्यूटर तकनीक भारत को देने से मना करने के बाद जिद में भारत मे ही सुपर कम्प्यूटर बनवाया।
पंचायती राज द्वारा गावों को ज्यादा से ज्यादा अधिकार मिला।मतदान के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 साल की।
दलबदलुओं पर लगाम लगाने के लिए दलबदल कानून बनाया।
स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने का काम उन्होंने किया
तथाकथित सर्जिकल स्ट्राइक में कौवा मारने पर जश्न मनाने वाले व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट ऑपेरशन मेघदूत का नाम नहीं सुने होंगे।
ऑपेरशन मेघदूत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान एप्रिल 1984 में शुरू हुआ था।भारतीय सेना ने सिया ला, बिलफॉंड ला पास के सभी तीन बड़े पर्वत और 1987 में गिआन ला और पश्चिम सल्टोरो दर्रे सहित सियाचिन ग्लेशियर के सभी कमांडिंग हाइट्स पर नियंत्रण कर लिया था।
जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने कहा था कि पाकिस्तान ने क्षेत्र का लगभग 900 वर्ग मील (2,300 वर्ग किमी ) खो दिया है।
टाइम (अंग्रेज़ी पत्रिका) के अनुसार भारतीय अग्रिम सैन्य पंक्ति ने पाकिस्तान द्वारा दावा किए गए इलाके के करीब 1,000 वर्ग मील (2,600 वर्ग किमी ) पर कब्जा कर लिया था।
1989 में पाकिस्तान ने फिर हमला किया। ये भी असफल रहा क्योंकि जमीन की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ। सियाचिन क्षेत्र और बाद में असफल सैन्य अभियानों की हानि पर बेनजीर भुट्टो ने ज़िया-उल-हक़ के लिए कहा था कि 'उन्हें बुरखा पहनना चाहिए क्योंकि वह अपनी मर्दानगी खो चुके हैं'।
पहले कार्यकाल की समाप्ति के बाद 1989 चुनावो में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद विपक्ष में बैठे क्योंकि पूर्ण बहुमत नहीं था।
कई विवाद भी जुड़े, तथकथित बोफोर्स घोटाले में उनका नाम आया। अंत में विरोधियो को मुंह की खानी पड़ी।
शाहबानो फैसला अवश्य ही उनके राजनीतिक जीवन में एक विवादित फैसला रहा।
एक गैर राजनीतिक व्यक्तित्व जो परिस्थिवश राजनीति में आया और अपनी लगन तथा नेक इरादों से देश को 21 वीं सदी के लिए तैयार करके समय से पहले अलविदा कह गया। किसी महाग्रन्थ के नायक की भांति जीवन जीने वाले राजीव गांधी को नमन। पुष्प अर्पित करने वालों में श्रीमती यज्ञ अग्रवाल, सुमन कुमारी, उमेश अग्रवाल, गुलजार अहमद, गिरीश कुमार सिंह, नन्नू खा, संतोष कुमार, कैलाश चंद, सत्येंद्र कुमार, पुनीत कुमार, नरेंद्र सूर्यवंशी, नन्नू कुमार सिंह, राम गोपाल, दीपक भारद्वाज, राज कुमार, कुमारी मोनल, उन्न्त सिंह, सोनू दिवाकर, आकाश आर्यन आदि लोग उपस्थित थे

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