देशभर मे फैला है हकीमो के आतंक का जाल l

                        Photo:-   थर्ड पार्टी 
जाकिर भारती,

उत्तर प्रदेश  : शीघ्रपतन, स्वप्नदोष और धात जैसी साधारण समस्याओं को गंभीर बीमारी बताकर देश भर में लाखों नीम हकीम नौजवानों को भ्रम में डालकर उनसे मनचाही रकम वसूल लेते हैं। नीम - हकीम नौजवानों को बिना प्रमाणित दवाइयां खिलाकर अन्जाने में उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी नष्ट कर देते है। एक बार कोई भी नौजवान इन हकीमो के जाल में फंस जाता है तो उसे बताया जाता है की 'तुम तो नामर्द हो' 'ये तो नामर्दी की निशानी है' 'अभी भी समय है तुम्हारी नामर्दी खत्म हो सकती है' 'हकीम साहब ने बड़े बड़े नामर्दों को मर्द बनाया है'। मजबूर होकर नौजवानो को हकीमो पर विश्वास करना ही पड़ता है और बेचारे सोचते हैं 'चलो एक बार इनको भी देख लेते हैं'।

देश भर में फैला हर हकीमो का जाल
गुप्त रोगों पर भ्रम फैलाकर नौजवानों को लूटने वाले नीम-हकीमो का जाल देश भर में फैला है। रेलवे लाइन के किनारे बने घर और उनकी दीवारें हकीमो के प्रचार का सबसे बड़ा अड्डा हैं। डॉ ताज, डॉ राज, डॉ उस्मानी, डॉ शेख, हकीम जुबैर, हकीम हाशमी, हकीम आलम, हकीम बंगाली, हकीम सलीम जैसे हजारों नाम रेलवे लाइन के किनारे मिल जाएंगे जिनका बड़े बड़े अक्षरों में प्रचार किया जाता है। सभी हकीम गुप्त लोगों को ठीक करने का दावा करते हैं। इनके एड इतने आकर्षक होते हैं कि हर कोई सोचने के लिए मजबूर को जाता है कि कहीं उसे भी तो कोई गंभीर समस्या नहीं है। सबसे बड़े आश्चर्य की बात ये है कि 30-40 किलोमीटर के दायरे में हर घर की दीवार पर केवल एक हकीम का एड दिखेगा। इसी बात से अंदाजा लग जाता है कि ये नीम - हकीम कितना पैसा प्रचार में खर्च करते होंगे और कितना पैसा नौजवानों से वसूलते होंगे।

डर और तनाव से जीवन बरबाद

नौजवान भ्रम में आकर यौन समस्याओं को गंभीर बीमारी समझ लेते हैं और तनाव में आकर कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं जैसे यौन अंगों में ढीलापन, यौन क्रियाओं से दूर भागना और ताकत की कमी या शरीर का कमजोर हो जाना। एक साधारण और दिमाग से सम्बंधित परेशानी उनका पूरा जीवन बर्बाद कर देती है। तनाव में आकर बहुत सारे नौजवान नशा करने लगते हैं। शर्म एवं संकोच के कारण कोई भी नौजवान अपनी यौन सम्बंधित बीमारियों का जिक्र अपने परिवार में नहीं करता और मजबूरन बड़े बड़े एड देखकर हकीमो की शरण में चला जाता है और हकीम इन्हें समझाने के बजाय गुप्त रोगों का डर दिखाकर 2-3 महीने की खुराक थमा देते हैं और मनचाही रकम वसूल लेते हैं।
पुलिस और प्रशासन सब सोते रहते हैं
बड़े बड़े अक्षरों में एड देने के बाद भी पुलिस और प्रशासन ना तो इन हकीमो के दवाखाने पर छापा मारता है और ना ही गुप्त रोगों को ठीक करने के उनके दावों की निगरानी करता है। पुलिस और प्रशासन की लापरवाही और हप्तावासूली के कारण ये नीम हकीम बड़े बड़े शहरों में कहीं भी टेंट लगाकर बैठ जाते हैं और लाउड स्पीकर के जरिये नौजवानों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। हकीमो के पास बंद डिब्बों में हजारों तरह की दवाइयां होती हैं और बिना प्रूफ के ये दवाइयां नौजवानों को खिला दी जाती है। हजारों नौजवानों के शरीर में इन दवाइयों का रिएक्शन भी हो जाता है लेकिन जब तक नौजवान वापस हकीमो के पास पहुँचते है उनका टेंट वहां से गायब हो चुका होता है क्यूंकि हकीमो का केवल एक ही उसूल है "अपना काम बनता, भाड में जाए जनता"।

क्या हैं गुप्त रोग ?
गुप्त रोग केवल डराने के लिए पैदा किये गए हैं। स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, धात निकलना, पेशाब में जलन आदि नाम नीम-हकीमों द्वारा पैदा किये गए हैं। यौन अवस्था में युवाओं के शरीर में सेक्स हॉर्मोन्स (Testosterone) का निर्माण बहुत तेज गति से होता है। जो भी नौजवान समय से पहले यौन सुख का आनंद लेना चाहते हैं और अपनी इच्छाओं को काबू में नहीं रख पाते उनके सेक्स हॉर्मोन का लेवल नींद में या यौन क्रिया के वक्त बढ़ जाता है जिसने उन्हें स्वप्नदोष या शीघ्रपतन की परेशानी हो जाती है। जो नौजवान अपनी इच्छाओं को काबू में कर लेते हैं या यौन क्रिया के वक्त जल्दबाजी नहीं करते उनकी यौन सम्बन्धी सभी समस्याएं अपने आप खत्म हो जातीं है। यौन संबंधों के वक्त सेक्स हॉर्मोन testosteron का श्राव होता है। अविवाहित लोगों में सेक्स हारमोंस का श्राव ना होने के कारण उनके पेशाब के रास्ते में जलन होने लगती है और कभी कभी धात की समस्या भी हो जाती है। ये सब समस्याएं केवल एक निश्चित समय के लिए होती हैं और सही खान पान बनाये रखने से शरीर में कोई
 भी कमजोरी नहीं आती। विवाह होने के बाद ये सभी समस्याएँ अपने आप ख़त्म हो जाती है।

Post a Comment

0 Comments