अगर ये सोच रहे हो कि ये सारा घटनाक्रम तुम्हारी सोच की पहुच के अंदर है तो तुम भारी भूल कर रहे हो ! सागर सिंह तौमर

अलीगढ़/ प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य सागर सिंह तौमर ने कहा अगर ये सोच रहे हो कि ये सारा घटनाक्रम तुम्हारी सोच की पहुच के अंदर है तो तुम भारी भूल कर रहे हो !
क्योंकि इस प्रकार देश मे बढ़ रही आर्थिक सामाजिक राजनैतिक अस्थिरता फिर तुम्हे सामान्य अकारण नही लगती !

ये दरअसल ठीक उसी प्रकार का ट्रैप है जिसे अंग्रेजो ने एक समय इस्तेमाल किया था वो सीधा हमला करके भारत को गुलाम नही बनाये बल्कि हमारी जीवनी का टेंटुआ #अर्थ #पैसा पर अपना एकाधिकार बनाकर देश पर राज किये !
उस वक़्त भी जब देश गुलाम हो रहा था उन फिरंगियों के समर्थन में देश के लोग साथ साथ खड़े थे कुछ स्वार्थ में कुछ ईर्ष्या द्वेष में !

लेकिन उस वक़्त भी देश एकजुट होकर उनका मुकाबला नही किया नतीजा सभी के सामने था !

आज जब देश की आर्थिक संसाधनों का लगातार निजी हाथों में हस्तांतरण हो रहा है वे सरकार को अपने वश में करने में और मजबूत होते जा रहे हैं आपको ये सब सामान्य लगता है !
लेकिन जब देश और समाज हम सभी को चलाने का प्रमुख आधार #अर्थ #पैसा पर कुछ चंद लोगो का एकाधिकार हो जायेगा वे और ताकतवर होकर संघीय ढांचे में अपना दखल बना लेंगे RTI जैसे एक एक कर आपके नागरिक अधिकारों को समाप्त कर देंगे ! आप के ऊपर टैक्स का बोझ असहनीय स्तर तक बढ़ा देंगे ! आपकी सुविधाओ सहूलियतों को समाप्त कर देंगे !
उस वक़्त आप अपनी बेबसी लाचारी के लिए किसे जिम्मेदार ठहराएंगे ?

नेहरू को ?

आप जाल में फस चुके हैं अब देश लगातार निजी हाथों की कठपुतली बनता रहेगा और आप की सोच वहाँ तक न पहुचे इसके इंतजाम की तैयारी भी लगातार हो रही है !
पिछले चुनाव में राष्ट्रवाद का सफल दांव खेला जा चुका है इस बार धर्मवाद संप्रदायवाद की चाल चला जायेगा !

उसकी पटकथा निरंतर तैयार हो रही है जिन मुसलमानों के नफरत के आधार पर हिन्दू वोटों के धुर्वीकरण के तहत ये सत्ता में आये थे उनका आज मुसलमान प्रेम आपको सामान्य, अकारण यदि लगता है तो आप बहुत भोले हैं !
ये गर्दन काटने से पहले चारा खिलाने की रस्मअदायगी है ताकि कल के इनके ऊपर किसी को इल्जाम लगाने का अधिकार न रहे या कम से कम आप अपने भक्तिभावना में कह सके कि साहब हमारे साहब ने तो इनलोगो के लिये इतना किया वो ऐसा कैसे कर सकते है !
और फिर सत्ता उन्हें दौड़ा दौड़ा के काटने की स्क्रिप्टेड वजह पैदा करेगी सब कुछ पुराने राष्ट्रवाद एपिसोड की तर्ज पर !

समय और स्थान अभी से बता दे रहा हूँ - यही सावन का महीना रहेगा और स्थान बनारस काशीविश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ ज्ञानवापी मस्जिद !!
वहाँ लाखो लोगो के एक साथ इकट्ठा होने का इंतजाम सैकड़ो पौराणिक मंदिरों को तोड़कर कॉरिडोर के नाम पर बन चुका है !
किसी भी बनारसी साथी से इसका तस्दीक कर सकते हैं !

और आप पूरी निष्ठा विश्वास के साथ फिर इन्ही के साथ खड़े होंगे ये भूलते हुए कि आपका जीवन चलाने का आधार आपका पैसे पर इनके असल मालिकों के एकाधिकार होता जा रहा है !!

लेकिन सनद रहे इस बार कोई भगत आजाद सुखदेव बिस्मिल अशफाक इस धरा पर पैदा न होगा !
क्योंकि उन महापुरुषों का अंजाम सभी ने देखा लिया है !

व्यर्थ हो जाएगा वो गीत जिसे आजादी के मतवाले गुनगुनाते थे " हम लाये हैं तूफान से कश्ती निकाल के इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के "

जानता हूँ इसको बहुत कम लोग पढ़ेंगे मगर फिर भी हम अपनी फर्ज अदायगी से पीछे न हटे थे न हटेंगे !

जय हिंद !

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