बन्नादेवी इंस्पेक्टर अरुणा राय उर्फ लेडी सिंघम के ट्रांसफर से आम जनमानस में शोक की लहरl


अलीगढ़ /जुलाई 2017 में अलीगढ़ पुलिस में एंटी रोमियो इंचार्ज के रूप में अरुणा राय ने अपना चार्ज संभालते ही अपने परिचित अंदाज में अपना कार्यभार संभाला और तमाम लड़कियों को जो शहोदो के कारण पढ़ाई छोड़ कर घर बैठ गई थी
उन्हें स्कूल ज्वाइन कराया और लगभग 250 निर्धन छात्राओं की फीस भी उनके द्वारा भरी गई।एन्टी रोमियो में 200 स्कूल में वर्कशॉप करके उनके कानूनी और संवैधानिक  अधिकार बताए। इसी क्रम में 1000 पोस्टकार्ड अपने पते के बनवाए और विद्यालय में बालिकाओं को बटवाये जिससे कि वह अपनी बात सीधी कह सकें। सही मायने में कहा जाए तो शाहोदो के लिए एक काल के रूप में अरुणा राय प्रचलित हो गई
इतने अच्छे कार्य को देखते हुए अलीगढ़ जनपद के प्रशासन द्वारा  फरवरी 2018 में थाना सासनी गेट का चार्ज दिया गया। जिसको एक चुनौती मानकर आगे बढ़ते हुए। क्राइम का अड्डा बना सासनी गेट पर निर्भीकता और बिना किसी दबाब के कार्य करते हुए थाना सासनी गेट के क्राइम को पूर्ण रूप से समाप्त किया ।थाना सासनीगेट के अंतर्गत चोरी ,लूट, सट्टा ,जुआ सभी पूर्ण रूप से बंद हुए और विशेष बात यह थी की कार्यकाल में 2 मर्डर हुए जिनका खुलासा केवल 24 घंटे में किया और किसी की भी कोई भी गलत बात नहीं मानी। आम जनमानस में एक अच्छे पुलिस अफसर की भूमिका में बहुत दिनों बाद अलीगढ़ में कोई इस्पेक्टर जनता को दिखाई दिया जो गरीबों को सहयोग करने के साथ-साथ किसी भी प्रकार के गलत दबाव में काम नहीं करने वाला था और हेलमेट अभियान को लेकर फरवरी 2018 से ही लोगों को जब भी मौका मिला इस्पेक्टर के द्वारा समझाया गया।
फरवरी2019 में सासनी गेट से ट्रांसफर होने पर थाना बन्ना देवी का पदभार संभालते ही दुगनी तेजी से कार्य को करते हुए कुख्यात अपराधी बलिया को बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में धर दबोचा अपनी जान की परवाह ना करते हुए बलिया जैसे कुख्यात को सलाखों के पीछे पहुंचाया। जिसके बाद अरुणा राय अलीगढ़ जनपद के बच्चे बच्चे के जवान पर लेडी सिंघम के रूप में जानी जाने लगे।
कई सामाजिक संगठनों ने उनका इस कार्य को लेकर सम्मान भी किया। एवं उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने इस्पेक्टर अरुणा राय को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की। केवल बलिया जैसे कुख्यात बदमाश को पकड़ना ही नहीं एक अनाथ को जब कोई कन्धा देने वाला नहीं था तो इस्पेक्टर रॉय महिला होने के बावजूद मृतक की अर्थी को कंधा देने जा पहुंचे जिसे देखकर वहां इकट्ठा लोगों ने मृतक को श्मशान घाट तक पहुंचाया। चर्चाओं का दौर यहां भी समाप्त नहीं हुआ। तत्पश्चात राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन में प्रदेश की पहली महिला एसएचओ अरुणा राय को बुलाकर सम्मानित किया गया।
इतने सारे अच्छे कार्यों के बावजूद थाना बन्नादेवी से इस्पेक्टर अरुणा राय का ट्रांसफर होना आमजन को हतप्रभ करने वाला है। और सामान्य जनमानस में एक विशेष प्रकार का रोष भी देखने को मिल रहा है। आज जब कुछ फरियादी किसी कार्य से थाना बन्नादेवी आए और उन्हें पता चला कि इस्पेक्टर राय अब यहां नहीं है तो सब के चेहरे मुरझा गए और मन में एक निराशा लेकर सभी अपने-अपने घरों को चले गए

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