संघर्ष से ही उन्नति का रास्ता आगे जाता है कठिन परिश्रम और लगन का कोई विकल्प नहीं : डॉ. अंजना सिंह सेंगर

अलीगढ़ /अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर हॉल में वार्षिक साहित्यिक एंव सांस्कृतिक कार्यक्रम जस्टीसिया 4.0 का तीन दिवसीय आयोजन का समापन हुआ।पुरस्कार वितरण समारोह की मुख्य अतिथि कवयित्री श्रीमती डा0 अंजना सिंह सेंगर ने कहा कि वह अलीगढ़ में मेहमान बनकर आई हैं पर सर सय्यद से और उनके इदारे से उन्हें अपनों सा लगाव और प्रेम हो गया है। उन्होंने कहा कि जीवन में संघर्ष से ही उन्नति का रास्ता आगे जाता है। कठिन परिश्रम और लगन का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने विस्तार से अपने जीवन का संघर्ष और समाजिक कार्यो का वर्णन करते हुए कहा कि दूसरों का कार्य करके जो खुशी मिलती है उसे लफ्ज़ों में बयान नहीं किया जा सकता। अलीगढ़ की तारीफ में उन्होंने सुन्दर कविता का पाठ भी किया। छात्र छात्राओ को साम्प्रदायिक सदभावना और भाई चारे को बढ़ाने में भागीदार बने और मेहनत एंव जतन से शिक्षा ग्रहण करने की नसीहत भी दी।मानद अतिथि प्रो0 शकील समदानी ने कवयित्री अंजना सिंह का परिचय कराते हुए कहा कि डा0 अंजना सिंह साहित्यकार, कवयित्री एंव समाज सेविका होने के साथ एक आर्दश नारी भी है जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही है।अतिथि प्रो0 नवाब अली खान ने भी विजेताओं को उत्साहित किया।
उन्होंने कला संस्कृति अयोजन के सफल आयोजन पर साहित्य सचिव अनवर हुसैन आज़ाद सचिव संस्कृति विषय तनजीर आलम सीनियर हॉल मौहम्मद मुताहिर, अमीरूल जैश, हुनैन खालिद आदि को बधाई दिया।विजेताओं को डा0 अंजना सिंह, प्रो0 शकील समदानी, प्रो0 नवाब अली खान तथा प्रोवोस्ट डा0 हशमत अली खान ने पुरस्कृत किया। राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर असमर बेग ने राष्ट्रवाद पर परिचर्चा की। इस आयोजन में कुल 300 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। हॉल के प्रोवोस्ट ने इसे अबतक का सबसे सफल सालाना साहित्यिक और सास्ंकृतिक आयोजन कहा और इसके लिए सचिवऔर सीनियर हॉल को बधाई दी। इस मौके पर वार्डन ड0 एहतेशामुद्दीन, मोहम्मद अरशद बारी, डा0 इनायातुल्लाह, मोहम्मद इमरान खान तथा आयोजक मडंल के अनवर हुसैन आजाद, तनजीर अतहर, मोहम्मद मुताहिर, हुनैन खालिद, अब्दुल्लाह समदानी, अमीरूल जैश, शम्स रजा, राही बाबू, शहजादा इकबाल, अब्दुल्लाह दानिश, नवेद, सजाद बुखारी, इश्तियाक, अबुहमज़ा, शमीम, फैजान, मिफ्ताउल, आदि मौजूद रहें।

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