गरीब वर्ग के लोगों को सस्ती व सुलभ चिकित्सा उपलब्ध कराये :हिलाल फिरोज

अलीगढ़ 7 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के यूनानी मेडिसिन संकाय के अजमल खॉ तिब्बिया कालिज के कुल्लियात विभाग द्वारा आज शोध पद्धति एवं जैव सांख्यिकी विषय पर एक दिवसीय सिम्पोजियम का आयेजन किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि सहकुलपति प्रोफेसर एम0एच0 बेग द्वारा किया गया।उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर एम0 एच0 बेग ने कहा कि जैव सांख्यिकी आधुनिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान है और इसका प्रयोग दवाओं के गुणकारी या हानिकारक प्रभावों को मालूम करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि बीमारियों के अध्ययन के लिए जैवसांंख्यकी एक नया विज्ञान है, परन्तु प्राणी संबंधी समस्याओं के अध्ययन में इसका व्यापक रूप से प्रयोग हो रहा है और इसके निष्कर्ष बड़े ही उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें साक्ष्य आधारित चिकित्सा पर शोध करना चाहिए ताकि रोगियों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इब्ने सीमा एकाडमी ऑफ मिडिवल मेडिसन एण्ड साइंस के अध्यक्ष एवं ए0एम0यू0 के कोषाध्यक्ष पद्मश्री प्रोफेसर सैयद जिल्लुर्रहमान ने कहा कि लगभग एक हजार वर्ष पूर्व पूरी तिब एक थी लेकिन समय और शोध के साथ आज इसकी अनेक शाखायें मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में इस बात को समझने की महती आवश्यकता है कि यूनानी चिकित्सा कहां खड़ी है और यह कैसे अन्य चिकित्सा पद्धति से अलग है। प्राफेसर रहमान ने कहा कि इब्ने सीना और राज़ी से आगे बढ़कर भी शोध किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यूरोप व अन्य देशों में यूनानी चिकित्सा जगत से जुड़े शोधार्थियों और विद्वानों को बहुत महत्व हासिल है।मान्द अतिथि आर0ए0एफ0 कमांडेंट हिलाल फिरोज ने यूनानी चिकित्सा पद्धति से जुड़े चकित्सकों से गरीब वर्ग के लोगों को सस्ती व सुलभ चिकित्सा उपलब्ध कराने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि जैवसांख्यिकी से आधुनिक चिकित्सा जगत को तेज रफ्तार मिली है और इसका लाभ यूनानी चिकित्सक भी उठाऐंगे।वरूण हास्पिटल के प्रबंधक डाक्टर संजय भार्गव ने कहा कि दवाओं की बढ़ती प्रतिरोधक क्षमता और एंटीबायोटिक दवाओं के मंहगा होने से इलाज भी महंगा हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर्बल दवाओं का इस्तेमाल रामायण युग से ही हो रहा है।कुल्लियात विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर फिरासत अली ने विभाग की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि विभाग में उच्च स्तर का शैक्षणिक व शोध कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिम्पोजियम के आयेजन का उद्देश्य छात्रों में शोध के प्रति जागरूकता पैदा करना तथा नवीनतम शोधार्थियों से परिचित कराना है। उन्हांने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि गुणवत्ता पूर्ण शोध कार्य हों।कार्यक्रम को यूनानी मेडीसन संकाय के डीन प्रोफेसर खालिदज़मां खान और ए0के0 तिब्बिया कालिज के प्रिंसपल प्रोफेसर सऊद अली खान ने भी संबोधित किया। उपस्थितजनों का आभार डाक्टर शीबा नुज़हत ने जताया तथा कार्यक्रम का संचालन डा0 नाज़ मुस्तफा ने किया। कार्यक्रम में आयेजन सचिव प्रोफेसर एफ0एस0 शीरानी, सह आयोजन सचिव प्रोफेसर अशहर कदीर और कोषाध्यक्ष डाक्टर अरशी रियाज़ के अलावा कालिज के शिक्षक, पी0जी0 तथा यू0जी0 छात्रों के अलावा प्रतिभागी शामिल हुए।

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