पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन, ने उर्दू भाषा के प्रचार - विस्तार में भी अपनी भूमिका निभाई

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अलीगढ़ /पूर्व राष्ट्रपति डॉ॰ जाकिर हुसैन के जन्मदिन पर जामिया उर्दू द्वारा श्रद्धांजलि डॉ॰ जाकिर हुसैन महान शिक्षाविद थेः प्रोफेसर रज़ाउल्लाह खान डॉ॰ ज़ाकिर हुसैन जामिया उर्दू अलीगढ़ के मानद कुलपति भी रहेः फ़रहत अली खान डॉ॰ जाकिर हुसैन अमुवि के विकास मे महान योगदानः डॉ॰ जसीम मोहम्मद अलीगढ़ 8.2.2019ः भारत रत्न डॉ॰ जाकिर हुसैन केवल भारत के तीसरे राष्ट्रपति ही नहीं रहे बल्कि वे एक महान स्वतन्त्रता सेनानी और शिक्षाविद भी थे जिन्होंने नई दिल्ली मे जामिया मिलिया इस्लामिया जैसी राष्ट्रवादी शैक्षिक संस्थान की बुनियाद डाली और उसके कुलपति भी रहे आज उनके जन्मदिन पर हमें अपने शैक्षिक संशक्तिकरण के प्रति गम्भीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। उक्त बातें अमुवि पूर्व कोर्ट सदस्य प्रोफेसर रज़ाउल्लाह खान  ने जामिया उर्दू अलीगढ़ पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ॰ जाकिर हुसैन के 122वी जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि समाज से अशिक्षा दूर करके ही हम डॉ॰ जाकिर हुसैन के आन्दोलन को आगे बढ़ा सकते हैं। ओएसडी फ़रहत अली खान  ने कहा कि डॉ॰ जाकिर हुसैन की सर्वाधिक महत्वूपर्ण योगदान देश की भाषाओं के संरक्षण में है। उन्होंने उर्दू भाषा के प्रचार और विस्तार में भी सकारात्मक भूमिका अदा की तथा उर्दू के महान शायर मिर्जा असदउल्ला खान गालिब की शायरी के संकलन में भी भूमिका अदा की थी। वे जामिया उर्दू अलीगढ़ के भी मानद कुलपति रहे।जामिया उर्दू के रेजिस्ट्रार शमून रज़ा नकवी ने कहा कि डॉ॰ जाकिर हुसैन को उनकी सेवाओं और त्याग के लिए भारत सरकार द्वारा 1963 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1957 से 1962 के बीच बिहार के राज्यपाल के रूप मे राज्य प्रशासन मे क्रान्तिकारी परिवर्तन कराने मे सफलता प्राप्त की थी जिसके परिणा स्वरूप वहाँ भूमि सुधार कार्यक्रम आरम्भ हुए।ए॰एम॰यू॰ के पूर्व मीडिया सलाहकार डॉ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा कि डॉ॰ जाकिर हुसैन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रहे ओर उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल अमुवि मे नए पाठ्यक्रम लागू किए तथा नवनिर्माण कराया बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा का भी संचार किया। उन्होंने कहा कि डॉ॰ जाकिर हुसैन ने अमुवि की भूमिका पर अपने भाषण मे कहा था कि देश के बारे में अमुवि की सोच भारतीय मुसलमानों का देश मे भविष्य तय करेगी। डॉ॰ जसीम मोहम्मद ने कहा कि डॉ॰ जाकिर हुसैन चाहते थे कि मुसलमान तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा मे आगे बढ़े ताकि वे देश के नवनिर्माण और विकास मे अपनी भूमिका अदा कर सके।डॉक्टर ख़लील चौधरी ने कहा कि डॉ॰ जाकिर हुसैन ने 1926 मे युनीवर्सिटी ऑफ बर्लिन से अर्थशास्त्र मे डाकटेरेट की उपाधि प्राप्त की। वे एक उच्च कोटि के अर्थ शास्त्री भी थे।बैठक के अन्त में जामिया उर्दू अलीगढ़  ने डॉ॰ जाकिर हुसैन के शैक्षिक आन्दोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हुए कहा कि वे वंचित बच्चों के शिक्षा एवं रोज़गार पर कार्य करेगा।

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