ऊर्दू भाषा अपनी मिठास के कारण भारत की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा : प्रो. अतीक उल्लाह

अलीगढ़ /अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, कालिज और स्कूलों में मातृभाषा दिवस के अवसर पर व्याख्यान सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। उर्दू विभाग के सेन्टर ऑफ एडवांस्ड स्टडी द्वारा भाषा दिवस के अवसर पर आयोजित व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए प्रोफेसर अतीक उल्लाह ने कहा कि उर्दू भाषा अपनी मिठास के कारण भारत की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है जिसमें जात-पात, धर्म तथा छोटे बडे़ का कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि उर्दू मात्र एक भाषा ही नहीं बलकि यह एक सम्पूर्ण संस्कृति भी है जिसकी सुरक्षा हम सब की ज़िम्मेदारी है।प्रोफेसर ज़फर अहमद सिदी्की ने कहा कि मातृ भाषा वह होती है जिसमें बच्चा बोलना सीखता  है। इस प्रकार उर्दू हमारी मातृ भाषा है जिसकी सुऱक्षा हमारा प्रथम कर्तव्य है।सेन्टर के समन्वयक प्रोफेसर सैयद मौ0 हाशिम ने कहा कि नई पीढ़ी ही अब उर्दू का भविष्य है जिससे बड़ी आशायें हैं। डा0 खालिद सैफउल्लाह ने कहा कि ज़िन्दा कौमें सदैव अपनी मातृ भाषा की सुरक्षा करती हैं। प्रोफेसर अकील अहमद सिद्दीकी ने कहा कि मातृ भाषा दिवस मनाने का उद्देशय यह है कि हम अपनी भाषा के महत्व को समझें तथा उसके विकास के लिए कार्य करें।उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तारिक छतारी ने कहा कि मातृ भाषा की सुरक्षा का दिवस भाषाओं को विकसित करने के लिए मनाया जाता हैं।प्रोफेसर मोहम्मद अली जौहर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन प्रोफेसर सिराज अजमली ने किया।अजमल खान तिब्बिया कालिज के अमराज-ए-निसवां वा अतफाल विभाग में मातृ भाषा दिवस के अवसर पर निबंध लेखन तथा प्रसवपूर्व देखभाल का महत्व तथा टीकाकरण के बारे में मिथक विषय पर वाग्मिता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया इनमें सुश्री आलिया, सुश्री ब्रिजिस फातिमा और सुश्री नजमीं उस्मानी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरूस्कार प्राप्त किया।विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद आमना नाज ने मामृभाषा के महत्व पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान विभाग के शिक्षक एवं शिक्षिकायें डा0 सुबुही मुस्तफा, दीवान इसरार खान, डा0 मुहम्मद अनस, डा0 फहमीदा जीनत, डा0 अबीहा अहमद खान सहित पी0जी0 तथा इंटर्नस छात्रों ने भाग लिया।अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग की ज्योग्राफिकल सोसाइटी के तत्वाधान में मातृभाषा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोसायटी के समन्वयक डा0 अहमद मुज्तबा सिद्दीकी ने कहा कि जो लोग मातृभाषा जानते हैं उनको किसी भी भाषा को हासिल करने में दिक्कत नहीं हो सकती। सह समन्वयक डा0 फिरोज अहमद ने छात्रों का आव्हान किया कि मातृभाषा को मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करें और लेखन को और अधिक सृदृद्ध और सशक्त बनायें। विभाग की छात्रा कुमारी दीपिका ने कहा कि ए0एम0यू0 विभिन्न भाषाओं में बोलने वाला केन्द्र है जहॉ तमाम भाषाओं को समान रूप से महत्व और सम्मान दिया जाता है। गोष्ठी की अध्यक्षता भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अतीक अहमद ने की।अमुवि के वीमेन्स कालिज में मातृ भाषा दिवस के अवसर पर हिन्दी सेक्शन में भी एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कालिज की छात्राओं को मातृ भाषा के महत्व से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में हिन्दी सेक्शन की इंचार्ज प्रो0 रेशमा बेगम, डा0 नाजिश रफीक और डा0 शगुफता नियाज़ आदि मौजूद रहीं।  मातृ भाषा दिवस” के अवसर पर अमुवि के  सिटी स्कूल में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। पोस्टर मेकिंग में 7 वीं कक्षा के मृणाल गुप्ता ने प्रथम, संचित सिंघल ने द्वितीय तथा इफ्फन इकबाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निबन्ध प्रतियोगिता में मृणांल गुप्ता ने प्रथम, हार्षित आर्य ने द्वितीय तथा सोबित ने तृतीय स्थान प्राप्त किया और सकलेन को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। हास्य कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मौ0 उमर, द्वितीय स्थान सकलेन रियाज तथा तृतीय स्थान मौ0 उमर कक्षा 7 ने प्राप्त किया।  अन्त में हास्य पाठन प्रतियोग का आयोजन किया गया जिसमें डा0 फेय्याजउद्दीन ने अध्यक्षता की कार्यक्रम में श्रीमती फरजाना अली ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। धन्यवाद ज्ञापन डा0 हसीन उद्दीन ने पेश किया तथा संचालन डा0 जुल्फिकार ने किया। अमुवि की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा भी मातृभाषा दिवस मनाया गया इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिस से लोगो में मातृभाषा के प्रति जागरूकता आये। इस के अर्न्तगत वादविवाद एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाओ ने बड़ी संख्या मे भाग लिया। इस प्रतियोगिता का उद्देशय मातृभाषा के प्रति लोगो को जागरुक करना था।कार्यक्रम समन्वयक प्रो0 मोहम्मद मसरूर आलम ने मातृभाषा के बारे में स्वयं सेवको को बताया कि मातृभाषा दिवस का उददेश्य है कि विश्व मे भाषाई एवं सांस्कृतिक विविधताआें और बहुभाषिता को बढावा मिले। मातृभाषा के बिना किसी भी देश की संस्कृति की कल्पना बेमानी है। मातृभाषा हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना उत्प्रेरित करती है यह स्वतंत्र तथा समृद्ध राष्ट्र के लिए आवश्यक है क्योकि भाषा राष्ट्र की एकता,अखंडता तथा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्र छात्राआें में मातृभाषा के प्रति जागरुकता आती है और उनकी यह कोशिश रहेगी कि इस प्रकार के आयोजन समय समय पर होते रहें और उनमें सभी स्कूल कालेज के छात्र छात्राओं की सहभागिता रहे जिससे शहर मे ंभी लोगां को मातृभाषा के प्रति जागरूक किया जा सके इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी  मोहसिन जफर खान, जेबा रिजवी मुकेश कुमार आदि भी मोजूद थे।

Post a Comment

0 Comments