ऎसा लगता है सरकार अब राम मंदिर पर कानून नहीं बनाएगी :बीएचपी

प्रयागराज. राम मंदिर को लेकर विहिप ने भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया है। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि हमें ऐसा लगता है सरकार अब राम मंदिर पर कानून नहीं बनाएगी। इसलिए संतों की धर्म संसद में हम अन्य विकल्पों को भी उनके सामने रखेंगे। बावजूद इसके बीजेपी अगर सरकार बनाती है तो हम उससे फिर कानून के लिए अनुरोध करेंगे।
हालांकि हमें यह भी विश्वास है कि 2025 तक अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। उन्होंने कहा की पिछली बार उनसे देश के लिए आग्रह और अपेक्षा भी की थी हमको कानून नहीं देश में हिंदुत्व और राष्ट्रीयता के साथ देश के सम्मान और मंदिर बन जाएगा उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं से इस बार भी आग्रह है कि नागरिकता के नाते देश की राष्ट्रीयता और हिंदुत्व के लिए काम , अन्य विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस ने अपने दरवाजे हमारे लिए बंद कर रखे हैं।
यदि हमारे लिए अपने दरवाजे खोलती है और अपने मेनिफेस्टो में राम मंदिर निर्माण शामिल करती है तो इनके लिए विचार किया जाएगा, उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के चुनाव के मेनिफेस्टो में था कि कांग्रेश अगर मध्य प्रदेश में चुनाव जीती है तो पार्क स्कूल और सरकारी संस्थानों में शाखाएं नहीं चलने देंगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस कमेटी के नियम में है कांग्रेस सेवा दल के अलावा किसी भी वालंटियर के लिए जगह नहीं है उन्होंने तो मेरे लिए पहले से ही दरवाजे बंद कर दिए हैं अगर कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में राम जन्म भूमि मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव लाती है तो एक बार हम विचार करेंगे
शनिवार को कुंभ मेले के अशोक सिंघल नगर मैं पहुंचे विहिप नेता ने कहा कि कांग्रेश नहीं सीजीआई पर दबाव बनाने के लिए महाभियोग लाया है उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जनेऊ पहन लेते हैं और कहीं से गोत्र भी ढूंढ लाए हैं अमरनाथ यात्रा का प्रचार प्रसार कर रहे हैं एक कदम राम मंदिर के लिए भी बढ़ाएं तो संत समाज उनके लिए सूची अगर कांग्रेश अपने चुनावी घोषणापत्र में राम मंदिर मुद्दे को ले आती है तो उनके लिए भी कार्यकर्ता विचार करेगी
प्रयागराज के महाकुंभ में 31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्म संसद बुलाई गई है विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि धर्म संसद में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को नहीं बुलाया जाएगा और हमारे अब तक जो भी धर्म संसद धर्म सभाएं आयोजित की गई किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को नहीं बुलाया गया कुंभ में भी आयोजित हो रहे धर्म संसद में सभी तेरह अखाड़ों के साधु संत रहेंगे इसके साथ ही विप के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे

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