अंधा युग! धर्मवीर भारती!! सही लिखा था!!!



उत्तर प्रदेश। जबरिया रिटायर्ड IPS अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पर साल 1999 के मामले में साल 2025 में गंभीर धाराओं में एफआईआर लिखी जा रही है।

लिखिए कौन रोकता है?

दैनिक भास्कर के पत्रकार पर एक IAS के खिलाफ प्रमाणिक शिकायत की रिपोर्ट करने पर गंभीर धाराओं में एफआईआर लिखी जा रही है।

इसे भी लिखिए कौन रोकता है?

योगी और राजा भैया से टकरा चुके IPS जसवीर सिंह की नौकरी महज एक इंटरव्यू पर खत्म करने के लिए जमीन आसमान एक किया जा रहा है।

बिल्कुल कीजिए। आप राजा हैं!!

मगर अब जरा सिक्के का दूसरा पहलू भी देखिए।

जिस "मृत्युंजयी" और "कुटुंबीय" पत्रकार के बेटे की कार ने बीच राजधानी एक निरीह को रौंद डाला, उसका नाम आज तक एफआईआर में अज्ञात है! क्यों?

जिस घटना को लखनऊ का एक-एक पत्रकार जानता है और जिस व्यक्ति को इस वारदात के बाद उसके तत्कालीन चैनल ने आत्मचिंतन की फुल्की में थोड़ी सी शर्म का पानी घोलकर नौकरी से बाहर निकाल दिया, 

उसकी यूपी पुलिस को आज तक खबर नहीं है!! क्यों?

कौन हैं उसके रक्षक? अंधे कानून की मूर्तियों के मृत्युंजीय तक्षक?

वो 'कुटुंबीय' पत्रकार आज भी मृत्युंजयी कल्पना के कमरे में बैठकर दूसरे के नाम पर अपने खुद के 'डर' की चार्जशीट बंटवा रहा है!!

दैनिक भास्कर पर हुई एफआईआर के दौर में इतिहास इस तथ्य को कैसे भूल सकता है कि स्वयं मुख्यमंत्री इस आदमी को भरी जनसभा में 'युवा समाज सेवी' का पद्म विभूषण अलंकरण प्रदान करते हैं!!
लेख: अभिषेक उपाध्याय #X_Post 

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