संभल की शाही जामा मस्जिद की इंतजामियां कमेटी की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्टे लगाया है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने की थी।
इंतजामिया कमेटी ने दाखिल की थी याचिका
संभल की जाना मस्जिद को लेकर इंतजामिया कमेटी के ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसमें निचली अदालत में सुनवाई पर रोक की मांग की गई थी। संभल की जिला अदालत में 19 नवंबर को हरिशंकर जैन व अन्य की तरफ से मुकदमा दाखिल किया गया था। इस याचिका में शाही जामा मस्जिद के स्थान को पूर्व में मंदिर होना बताया गया था। इस मामले में जिला अदालत ने सर्वे का आदेश दिया था। इसकी सर्वे रिपोर्ट निचली अदालत में दाखिल की जा चुकी है।
संभल सर्वे रिपोर्ट में क्या सामने आया?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट में हिंदू धर्म से जुड़े 50 से ज्यादा फूल के निशानों का जिक्र हुआ है। इसके अलावा दो बरगद के पेड़ भी मिले हैं, मस्जिद में कुआं होने की संभावना भी जता दी गई है। अब यह सारे प्रमाण क्योंकि हिंदू धर्म से जुड़े हुए हैं, इसी वजह से कहा गया है कि इस मस्जिद से पहले यहां एक मंदिर हुआ करता था। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि पुराने ढांचे को बदला गया है। इसके अलावा नए कंस्ट्रक्शन के कुछ सबूत भी मिल गए हैं।
मस्जिद मे जो बड़ा झूमर लगा है, उसे लेकर भी सर्वे रिपोर्ट में दावा हुआ है। तर्क दिया गया है कि असल में जिस जंजीर से वो झूमर लटका हुआ है, मंदिरों में उसी जंजीरों से घंटे को बांधा जाता है।
सियासी रूप से भी महत्वपूर्ण है संभल
धार्मिक महत्व के अलावा के अलावा बीजेपी के लिए संभल और उसके आसपास के इलाकों का सियासी रूप से महत्वपूर्ण भी हैं। यहां साल 2014 के लोकसभा चुनावों को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी को कोई खास सफलता नहीं मिली है। यहां से सपा और बसपा को सफलता मिली है। साल 1998 और 1999 में खुद सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यहां से जीत हासिल की थी और साल 2004 में रामगोपाल यादव ने यहां से संसद पहुंचे थे।
0 Comments