जानें किस राज्य में कितने झूठे मुकदमें मिले उत्तर प्रदेश का भी नाम


 

नई दिल्ली। देश में झूठे मुकदमों में अपने विरोधी को फंसाने के मामले में हाल के वर्षों में तेजी आई है. देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दूसरों को फंसाने के लिए बीते एक साल में सवा लाख झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डाटा की मानें तो देश के कई राज्यों में दहेज, रेप, चोरी-डकैती, छेड़खानी, एससीएसटी एक्ट के झूठे मुकदमों ने कई लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी है. देश में झूठे और फर्जी मुकदमा कराने वाले राज्यों में राजस्थान, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार ने रिकॉर्ड बनाया है।


केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो दिल्ली इसमें टॉप पर है. देश की राजधानी दिल्ली में पिछले साल 103029 केस दर्ज किए गए, जिनमें 902 केस फर्जी पाए गए हैं. इसी तरह चंडीगढ़ में 121, डुडुचेरी में 47 और दादर एंड नगर हवेली में 12 केस फर्जी मिले. वहीं, देश के 8 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज मुकदमों में एक भी गलत नहीं पाया गया. अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में एक भी केस झूठा नहीं पाया गया. इसी तरह केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन एंड दीव और लक्ष्यद्वीप में एक भी केस फर्जी नहीं पाया गया. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज सभी केस में पुलिस ने आरोपियों को चार्जशीट किया है।


देश की राजधानी दिल्ली में पिछले साल 103029 केस दर्ज किए गए, जिनमें 902 केस फर्जी पाए गए हैं. 


इन राज्यों में दर्ज होते हैं सबसे ज्यादा मुकदमें


नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने पिछले दिनों एक आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है कि बीते एक साल में देश में 1.22 लाख से अधिक झूठे केस दर्ज कराए गए हैं. पुलिस अनुसंधान में इन मुकदमों में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी है. लोगों के द्वारा कुछ कानूनों के दुरुपयोग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. एनसीआबी की रिकॉर्ड बताती है कि दूसरों को फंसाने के लिए लोग किस कदर गिर जाते हैं और वह कानून का दुरुपयोग करते हैं. एनसीआरबी ने देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का डाटा जारी किया है. एनसीआरबी ने यह डाटा एक आरटीआई के जवाब में दिया है।


जानें किस राज्य में कितने झूठे मुकदमें मिले


एनसीआरबी के मुताबिक, देश में बीते साल 272687 केस दर्ज किए गए, जिनमें 122211 मुकदमों में विवेचना के दौरान आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी. अगर राज्यों की बात करें तो राजस्थान में पिछले साल 56475 केस दर्ज किए गए, जिसमें 33912 मामले झूठ पाए गए. आंध्र प्रदेश में 238679 एफआईआऱ दर्ज किए गए, जिसमें 16999 केस झूठे पाए गए. इसी तरह उत्तर प्रदेश में 184309 केस दर्ज किए गए, जिसमें 16762 मामले झूठे पाए गए।


तमिलनाडु में 212841 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 12132 केस झूठ निकले।


यहां एक भी फर्जी मुकदमा नहीं मिला


वहीं, तमिलनाडु में 212841 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 12132 केस झूठ निकले. इसी तरह बिहार में 204937 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 7195 मामले गलत पाए गए. कर्नाटक में 184515 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 6407 मामले गलत पाए गए. केरल में 138355 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 5928 मामले झूठे पाए गए. हरियाणा में 65883 कुल केस में 3224 केस झूठे निकले. महाराष्ट्र में 290335 मामले दर्ज हुए, जिसमें 3023 मामले गलत पाए गए. पंजाब में 54404 एफआईआर में से 2886 एफआईआर गलत पाए गए।


इसके अलावा भी कई राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गोवा, असम और ओडिशा जैसे कई राज्यों में फर्जी मुकदमों में लोगों को फंसाया गया. पुलिस विवेचनाओं में इन आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी. इस वजह से इन केसों के चार्जशीट दायर नहीं हो सके. राजस्थान, यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में इस तरह की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।

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