समेकित बाल विकास परियोजना में भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए भ्रष्टाचार

 

                    (आरोपित अधिकारी खुद कर रहे जांच)



प्रयागराज । एक अवैध नियुक्ति को बचाने के चक्कर में भ्रष्टाचार की खुलती परतों ने पूरे समेकित बाल विकास परियोजना विभाग को ही भ्रष्टाचार के गर्त में डाल दिया है जिसके चलते भ्रष्टाचार के नित नए अध्याय सामने आ रहे हैं।

    जानकारी के अनुसार बस्ती जनपद के विक्रमजोत ब्लॉक में रामनगर आंगनबाड़ी केंद्र पर नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमनलता पाण्डेय लगभग 30 साल पूर्व विवाहित होने व न्यायालय में विचाराधीन मामलों के अनुसार पहले पति से बिना तलाक लिए दूसरी शादी कर लेने पर आईपीसी की धारा 494 में जमानत पर होने व कई मुकदमों में पक्षकार होने के साथ अब दूसरे जनपद गोंडा में रहने तथा तथ्यों को छुपकर गलत तरीके से नौकरी हथियाने की आरोपित हैं। इस संदर्भ में हाई कोर्ट इलाहाबाद के समाजसेवी अधिवक्ता आर के पाण्डेय ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर सम्बन्धित ग्राम पंचायत के योग्य व पात्र महिला का चयन होने की व्यवस्था होने के बावजूद अन्य जनपद की सुमनलता पाण्डेय की नियुक्ति घोर आश्चर्यजनक है। लगभग 3 साल पूर्व उठे इस मुद्दे पर विभागीय अधिकारी मात्र कागजी लीपापोती में लगे हैं। यह भी संज्ञान में आया है कि सुपरवाइजर व प्रभारी सीडीपीओ कुमुद सिंह व डीपीओ सावित्री देवी पर सीधा आरोप लगाकर शिकायत किये जाने पर स्वयं आरोपी अधिकारीगण कुमुद सिंह व सावित्री देवी खुद ही अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच कर रही हैं जोकि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा 2018 में जारी शासनादेश की स्पष्ट अवज्ञा व नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध कार्य है। उधर मुख्य शिकायतकर्ता ने बताया कि 3 साल में एक बार भी उससे कोई पूछताछ नही हुई। इसी प्रकार पिपरी संग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकत्री उर्मिला देवी व मलौली दूबे की सहायिका मायावती के अवैध नियुक्ति का मामला उठाया गया है। उधर सीडीपीओ कार्यालय विक्रमजोत तथा डीपीओ कार्यालय बस्ती से बात करने पर सीडीपीओ व डीपीओ मौन साध गए। विभागीय कर्मचारियों का गोपनीयता की शर्त के साथ यह कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमनलता पाण्डेय व प्रभारी सीडीपीओ कुमुद सिंह के सचिवालय में ऊंची पकड़ के चलते कोई भी अधिकारी निष्पक्ष कार्यवाही करने की हिम्मत नही करता है।

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