अलीगढ़ । अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा देश में हो रहे मुसलमानों के नरसंहार के खिलाफ एक मार्च लाइब्रेरी से बाबे सैय्यद तक निकाला गया। जिसमें भारी मात्रा में छात्रों ने उपस्थिति दर्ज करा के भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस के खिलाफ मोर्चा खोला है।
राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश दिल्ली समेत कई प्रदेशों में मुसलमानों के खिलाफ हो रहे जुल्म और तबाही को देखते हुए छात्रों ने एकजुट होकर संवैधानिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया है।
छात्र नेता यासिर ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के बाद मुसलमानों के खिलाफ जिस तरीके से साजिशें रची जा रही हैं उसके पीछे आरएसएस का हाथ है, पहले मुसलमानों की बस्तियों में जुलूस निकाले जाते हैं उसके बाद 'मुल्ले काटे जाएंगे' जैसे नारे लगाए जाते हैं और फिर मस्जिदों पर भगवा झंडे फहराय जाते है। उसके बाद उसी यात्रा में से एक व्यक्ति अपनी ही यात्रा पर ईट मार देता है और सांप्रदायिक माहौल बनाकर मुसलमानों के घरों को तबाह किया जाता है फिर प्रशासन एकतरफा कार्रवाई करता है।
छात्र नेता सलमान गौरी ने कहा हनुमान चालीसा अपने घर और मंदिर में पड़े और 24 घंटे पड़े किसी को कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन अगर कोई हनुमान चालीसा मस्जिदों के सामने रोड और चौराहों पर पड़ेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
छात्र नेता मोहम्मद मुफीद ने कहा रामनवमी की यात्रा के बहाने देश को ग्रह युद्ध में झोंकने की कोशिश हो रही है, पुलिस आरएसएस के इशारे पर कार्य कर रही है।
छात्र नेता फरीद ने कहा कि देश में हो रहे बड़े षड्यंत्र के खिलाफ दोनों समाज के बड़े बड़े धर्मगुरु और जिम्मेदार लोगों को सामने आना होगा तभी इस देश को तबाही से बचाया जा सकता है वरना आरएसएस देश को बर्बाद करना चाहता है जिसे रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है।
इस मौके पर सरमाज, महताब, नदीम, आबाद, मोहम्मद गुलाम, हसीब, फजल, आसिफ, शहीदुल इस्लाम, ओवेस आलम, दानिश रजा, आदि छात्र मौजूद रहे।
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