बदले की भावना के साथ 'ठोको' की राजनीति से अच्छे समाज की स्थापना नहीं हो सकती: हाजी जमीरउल्लाह खान


अलीगढ़ । मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से यूपी में बांदा जेल लाने के फैसले पर पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने कहा की बदले की भावना के साथ 'ठोको' की राजनीति से अच्छे समाज की स्थापना नहीं हो सकती। 

हमारे भारतीय समाज मैं 'संविधान' सर्वोपरि है जिसमें मानव अधिकार को सबसे ऊपर रखा गया है। अगर कोई व्यक्ति किसी भी वजह से अपराध में संलिप्त पाया जाता है तो पुलिस उसे पकड़ कर कानूनन कोर्ट में पेश करती है। कोर्ट उसे जेल भेज कर सुधरने का मौका देती है। 
लेकिन राजनीतिक द्वेष भावना के चलते या राजनीतिक आकाओं द्वारा अपना काम निकलने के बाद किसी इंसान का आत्मसमर्पण के बाद भी एनकाउंटर करा देना मानव अधिकारों का हनन है। संविधान और कानून का अपमान है। 
जैसा कि विकास दुबे के साथ हुआ ऐसे बहुत उदाहरण हैं हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अखिलेश यादव जी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया। 
जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ जी की फाइल मा. अखिलेश जी के समक्ष गई परंतु उन्होंने कोई भी द्वेष भावना से कार्रवाई नहीं की। यह होती है पद की गरिमा, स्वच्छ राजनीति, बड़प्पन। 
परन्तु भाजपा की सरकार में राजनीतिक द्वेष भावना के चलते स्वच्छ छवि के राजनीतिक रसूख रखने वाले राजनेताओं पर झूठे मुकदमे लगवा कर प्रशासनिक तन्त्र का सहारा लेकर उनको जेल भिजवाया जा रहा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री मा.आजम खान साहब कोई अपराधी तो नहीं है फिर भी मय परिवार जेल में हैं। 
विधायक मुख्तार अंसारी अपने क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक हैं। उनके क्षेत्र की जनता वोट देकर विधायक चुनती है। गरीब लड़कियों की शादी कराना, गरीबों की मदद करना, गरीब मजदूर किसानों की हक की लड़ाई लड़ना, उनकी पहचान है। 
और इसी राजनीतिक रसूख से, द्वेष भावना रखने वाले उनके विरोधी उनको जेल में या बाहर एनकाउंटर करा कर मरवाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। और सफलता मिल भी सकती है क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है।
 मैं इस तरीके की राजनीतिक द्वेष भावना का विरोध करता हूं। अगर इसी तरीके से काम होगा तो जिस पार्टी की सरकार बन जाएगी वह प्रशासनिक तन्त्र का दुरुपयोग करके विपक्षी पार्टी के राजनेताओं को झूठे केस में फंसा कर एनकाउंटर करा देगी। फिर भारतीय समाज में संविधान बचा कहां? 
लोकतंत्र रहा कहां? फिर न्यायपालिका का क्या मतलब? 
जब किसी व्यक्ति ने मंदिर में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया था तो एनकाउंटर की क्या जरूरत थी? 
जब आजम साहब ने शिक्षा का मंदिर कही जाने वाली जौहर यूनिवर्सिटी बनवा दी तो उसे बर्बाद करने का क्या मतलब? विधायक मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में है उन्हें यूपी की जेल में लाने का क्या मतलब? 
इस तरह से राजनीतिक द्वेष भावना रखने वाली यह भाजपा की सरकार विधायक मुख्तार अंसारी के जीवन की रक्षा कर पाएगी इसकी क्या गारंटी है? 
मुझे आशंका है की विधायक मुख्तार अंसारी को भी यूपी सरकार एक प्लान के तहत खत्म करा देगी। 

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जनता जनार्दन होती है। जनता सब देख रही है और सब समझ रही है विकास के मुद्दों से, महंगाई के मुद्दों से, आम आदमी की समस्याओं से, किसानों की मांगों से, ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी इस तरीके के प्लान करती रहती है। 
अभी अलीगढ़ में ही कुछ दिन पहले अलीगढ़ के शिक्षकों ने हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगी थी लेकिन इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। शर्म आनी चाहिए भाजपा को कि भारत का शिक्षक हाथों में कटोरा लेकर भीख मांग रहे हैं। 
अन्नदाता किसान महीनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। लेकिन अब जनता इनके बहकावे में आने वाली नहीं है 2022 में यूपी के  विधानसभा चुनावों में यूपी की आम जनता, शिक्षक, किसान, युवा, कर्मचारी, दिहाड़ी मजदूर सब एक होकर भारतीय जनता पार्टी को मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार बैठे हैं। अबकी बार जनता फिर से यूपी की कमान मा.श्री अखिलेश यादव जी के हाथों में सौंपना चाहती है। 


हाजी ज़मीर उल्ला खान 

पूर्व विधायक

अलीगढ़

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