भाईचारा सेवा समिति एवं विमल साहित्य संवर्धक संस्था के तत्वावधान में वृहद होली मिलन काव्यगोष्ठी का आयोजन

 


सिकन्दराराऊ । भाईचारा सेवा समिति एवं विमल साहित्य संवर्धक संस्था के तत्वावधान में दी ग्लोबल इण्डिया सोसायटी कार्यालय पर वृहद होली मिलन काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जहीरुद्दीन पीरजादा और संचालन अवशेष कुमार विमल ने किया। 

मुख्य अतिथि के रूप में योगेंद्र यादव क्राइम प्रभारी निरीक्षक सिकन्दराराऊ एवं महेश यादव संघर्षी राष्ट्रीय अध्यक्ष भाईचारा सेवा समिति उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में हरपाल सिंह यादव एवं संजय सिंह उपस्थिति रहे। 

अतिथियों के कर कमलों द्वारा मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद काव्यगोष्ठी की शुरुआत हुई।



अवनीश यादव ने सरस सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। हाथरस से पधारे चाँद हुसैन चाँद ने पढ़ा-


अगर वो हँस जाए, तो रिश्ता जोड़ लेंगे हम

नई गर मिल जाए, पुरानी छोड़ देंगे हम

 

अलीगढ़ के पधारे निर्मल शर्मा ने पढ़ा-          

मेधावी व्यक्तित्व और सुंदर संरचना

हे मानव ईश्वर की हो तुम अद्भुत रचना

                

इगलास से आये गाफिल स्वामी ने पंक्तियाँ पढ़ी-              

मौसम में दिखने लगा, मित्र फागुनी रंग

तन-मन पर हावी हुआ, होली का हुड़दंग


आगरा से पधारी कवयित्री यशोधरा यादव 'यशो' ने होली को समर्पित पढ़ा-

बाँधकर खुशियाँ सिराहने, आ गया फागुन

मन में बासंती फुहारें, आ गया फागुन

                

अलीगढ़ से पधारे मनोज नागर ने पढ़ा-

जाति-धर्म की बाढ़ में, डूबे सदव्यवहार

सिसक रहीं संवेदना, मानवता लाचार

    

अलीगढ़ से पधारे कवि प्रदीप चौहान ने पढ़ा-         

दिल किसी का दुखाने से क्या फायदा

आग दिल में लगाने से क्या फायदा


जलेसर से पधारे कवि अकबर सिंह अकेला ने पढ़ा-         

जै जै जै श्रीकृष्ण कह, जै जै श्री बलराम।

लेहु अकेला का सभी, सादर सहित प्रणाम।।


अवशेष विमल ने पढ़ा-

कल्पना से परे हैं तुम्हारे नयन।

भावना से भरे हैं तुम्हारे नयन।।


कार्यक्रम के दौरान सभी कवियों एवं अतिथिगणों का फूलमाला पहनाकर स्वागत सम्मान किया गया।

 होली मिलन काव्यगोष्ठी में प्रमुख रूप से श्योराज सिंह यादव, ललित मोहन भारद्वाज,  विवेक यादव, शशांक वार्ष्णेय, आनन्द वर्मा, हरीश यादव, अर्चना यादव, राजमाला यादव, साधना सिंह, पुष्पा यादव, राजेश यादव आदि उपस्थित रहे।

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