1000 बालिकाओं को संस्कार और रीति-रिवाज सिखाने के लिए वर्कशाॅप चलायेगी ब्राह्मण महासभा

     मालवीय जी की शिक्षा को आत्मसार करेंः कौशल जी महाराज 




अलीगढ़ / महापुरूषों की कोई जात नहीं होती, हमें केवल उनकी शिक्षा को आत्मसार करना चाहिए। यह उद्गार अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा द्वारा आयोजित भारत रत्न महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की जयन्ती समारोह को संबोधित करते हुए अध्यात्मिक गुरू सुनील कौशल महाराज ने व्यक्त किये। उन्हांेने कहा कि मालवीय जी का योगदान देश में शिक्षा और संस्कारों को पुष्पित और पल्लवित करने से अधिक हरिद्वारा मंे गंगा की धार को अक्षुण्ण रखने और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के वर्तमान स्वरूप को मूर्त रूप देने में भी है। संस्कार भारती के राजा राम मित्र ने कहा कि हिन्दुत्व की मशाल जलाने मंे मालवीय जी की महती भूमिका रही है। इस अवसर पर 1000 बलिकाओं को संस्कार और रीति-रिवाज सिखाने के लिए आगामी शिक्षा सत्र से कार्यशाला चलाने की घोषणा ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष नीरज शर्मा और प्रधानाचार्य संगठन के महामंत्री प्रशांत शर्मा ने की। 

दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी राजनारायण सिंह ने युवाआंे के दिशाहीन होने पर सवाल उठाये और उन्हे ंविकास के लिए अध्यात्म से जुड़ने की सलाह दी। महासभा की मण्डल अध्यक्ष धनंजय पंडित ने विप्र समाज के निर्धन बालिकाओं की शादी और शिक्षा में मदद करने की घोषणा की।

दा वर्किंग जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की चेयरमैन सुरेन्द्र शर्मा, अध्यक्ष पंकज धीरज ने कहा कि मालवीय जी संपूर्ण हिन्दू समाज की धरोहर हैं। लेकिन जो सम्मान उन्हे मिलना चाहिए, वो समाज नहीं दे सका। इस अवसर पर समाज की विभिन्न विभूतियों को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अन्त में नीरज शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।


इस मौके पर उपजा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप शर्मा, एबी पीएसएस के अध्यक्ष तपन शर्मा, अमित अग्रवाल, प्रशांत भारद्वाज, नरेन्द्र गौतम, केके गौतम, मनोज शर्मा, लोकेश उपाध्याय, अखिलेश गिरी, कोमल माथुर सहित सैकडों लोग मौजूद थे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र शर्मा ने किया।

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