एनआरसी के आलोचकों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि ये दस्तावेज भविष्य के लिए आधार है। सीजेआई रंजन गोगोई ने 'पोस्ट कोलोनियल असम' नाम की एक किताब के विमोचन के मौके कहीं l


नई दिल्ली- भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एनआरसी के आलोचकों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि ये दस्तावेज भविष्य के लिए आधार है। सीजेआई रंजन गोगोई ने 'पोस्ट कोलोनियल असम' नाम की एक किताब के विमोचन के मौके पर ये बयान दिया है।
CJI Ranjan Gogoi said on NRC,this is the base document for the future

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 'पोस्ट कोलोनियल असम' नाम की किताब के विमोचन के अवसर पर कहा है कि 'यह चीजों को उचित नजरिए से रखने का एक अवसर है, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) जैसा कि अंतिम रूप से उभर कर सामने आया है, यह वर्तमान के लिए दस्तावेज नहीं है। 19 लाख या 40 लाख का विषय नहीं है। ये भविष्य के लिए मूल दस्तावेज है।'
बता दें कि जस्टिस गोगोई ने एनआरसी पर अपना ये रवैया तब जाहिर किया है, जब आने वाले 17 नवंबर को वे अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में चीफ जस्टिस के पद पर रहते हुए उनका ये बयान इस मामले में बेहद प्रमाणिक माना जा सकता है।

CJI Ranjan Gogoi at launch of book 'Post Colonial Assam': This is an occasion to put things in proper perspective, National Register of Citizens (NRC), as it may finally emerge, is not a document of the moment. 19 lakhs or 40 lakhs is not the point. It's base document for future.

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दरअसल, उनके रिटायर होने तक कई ऐसे विषय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं, जिसपर ऐतिहासिक फैसलों की उम्मीद की जा रही है। खुद सीजेआई गोगोई की अगुवाई वाली पीठों के अधीन चार अहम मामलों में निर्णय आने की उम्मीद की जा रही है, जिसमें सबसे अहम अयोध्या केस है, जिसमें पिछले 16 अक्टूबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। इसके अलावा केरल के विख्यात सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर पुनर्विचार याचिका पर भी फैसला लंबित है। इसके अलावा राफेल डील से जुड़ा मामला भी है, इसमें भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर निर्णय लंबित पड़ा हुआ है। कॉपी one india

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