सर सैयद अहमद खा के 202वें जन्म दिवस के अवसर पर आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भव्य स्मृति समारोह का आयोजन किया गया।

अलीगढ़ 17 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक महान दार्शनिक, शिक्षाविद तथा समाज सुधारक सर सैयद अहमद खा के 202वें जन्म दिवस के अवसर पर आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भव्य स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें अमुवि के पूर्व छात्र प्रख्यात उद्यमी तथा व्यापारी, समाज सेवी, लेखक तथा क्यूएसएस ग्रुप के सीईओ अमरीका निवासी डा. फ्रेंक इस्लाम ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा. फ्रेंक इस्लाम ने कहा कि सर सैयद ने सम्पूर्ण विश्व के मानव समाज में शांतिपूर्ण अस्तित्व, सहयोग तथा साम्प्रदायिक सदभाव के पक्षधर के रूप में आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सर सैयद ने हिन्दू और मुसलमान को अपनी दो आँखों से अलंकृत करते हुए कहा था कि क्या होता अगर मेरी सिर्फ एक आँख होती।
उन्होंने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय इस बात के लिये सर सैयद की बड़ी प्रशंसा करते थे। उन्होंने कहा था कि कोई भी समाज तभी शक्तिशाली बन सकता है जब उसके सभी वर्गों में समन्वय तथा सहयोग की भावना पाई जाती हो। उन्होंने कहा था कि बिखरा हुआ समाज कभी शक्तिशाली नहीं हो सकता। डा. इस्लाम ने कहा कि सर सैयद तथा पंडित मालवीय के बीच एक आध्यात्मिक सम्बन्ध था।
डा. इस्लाम ने कहा कि सर सैयद का मानना था कि किसी भी पिछड़े समाज के सम्पूर्ण विकास की कंुजी शिक्षा में निहित है तथा भारत के मुसलमान तब तक अपने समकक्ष भारतीयों के बराबर नहीं आ सकते जब तक वह अपना ध्यान शिक्षा के ग्रहण पर केन्द्रित नहीं करते। इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिये सर सैयद ने पहले मदरसतुल उलूम फिर मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कालिज की स्थापना की तथा आधुनिक एवं पाश्चात्य ज्ञान के ग्रहण का मार्ग प्रशस्त किया। परन्तु सर सैयद ने अपनी संस्था के द्वार भारत के सभी धर्मों और वर्गों के लिये खुले रखे।
डा. फ्रेंक इस्लाम ने कहा कि सर सैयद द्वारा स्थापित यही संस्था आज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रूप में एक बड़े वृक्ष के रूप में फल फूल रही है तथा यहां से ज्ञान तथा जीवन का दर्शन प्राप्त करने वाले छात्र व छात्राऐं पिछली एक शताब्दी से विश्व भर में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्टता की पताका फहरा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम अलीगढ़ से जो भी प्राप्त करते हैं उसे फिर संस्था को लौटायें तथा इसके विकास में भागीदार बनें। डा. इस्लाम ने कहा कि उन्होंने गत दिवस अमुवि में हाल ही में निर्मित फ्रैंक एण्ड डेबी इस्लाम मैनेजमेंट काम्पलेक्स में आंत्रेप्रीन्योरशिप इंक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया है जिससे विश्वविद्यालय छात्रों की सृजनात्मक, रचनात्मक शक्तियों तथा वैचारिक उद्यमियता में न केवल विकास का रास्ता प्रशस्त होगा बल्कि राष्ट्रीय उत्थान एवं विकास में उनके योगदान को भी बढ़ावा मिलेगा। डा. इस्लाम ने कहा कि सर सैयद का मानना था कि समस्त मानव समाज एक दूसरे के भाई बहन हैं तथा मुसलमानों पर विशेष जिम्मेदारी है कि वह सम्पूर्ण मानवता के विकास एवं प्रगति के लिये कार्य करें।
अमुवि कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने अपने अतिथियों का स्वागत करते हुए हुए कहा कि सर सैयद ने वास्तव में मानव समुदाय के एक बड़े वर्ग की नियति को न केवल नया स्वरूप प्रदान किया बल्कि उन्होंने भारतवासियों के लिये शिक्षा, समग्रता तथा धार्मिक सद्भाव की अनूठी मिसालें प्रस्तुत की जिनके आधार पर इस ऐतिहासिक संस्था का निर्माण एवं विकास हुआ है।
प्रो. मंसूर ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने सर सैयद के विचारों एवं उनके मिशन के अनुरूप ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में नये कोर्सेज़ प्रारंभ किये हैं जिनमें बायोमेडीकल इंजीनियरिंग तथा सोलर एवं रिन्यूऐबिल एनर्जी में एमटेक, इस्लामिक बैंकिंग एवं फाइनेंस तथा हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए तथा मुस्लिम चैपलेंसी पीजी डिप्लोमा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय रोबोटिक इंजीनियरिंग तथा आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस में नये केेन्द्र स्थापित कर रहा है। जबकि कई पीजी डिप्लोमा सीटों को एमडी अथवा एमएस सीटों में बदला गया है और 15 करोड़ की लागत से तैयार ट्रामा सेंटर भलिभांति कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि पैरामेडीकल साइंस कालिज तथा नर्सिंग कालिज की स्थापना के लिये भवनों का निर्माण कार्य जारी है।
प्रो. मंसूर ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालय में उपकरणों की खरीदारी तथा मूलभूत ढांचे के विस्तार के लिये 19 करोड़ रूपये प्रदान किये हैं जबकि 160 स्मार्ट क्लासरूम तथा छात्राओं का 1500 बिस्तर वाले बेगम अजीजुन निसां हाल अपना कार्य प्रारंभ कर चुका है। कुलपति ने कहा कि दिव्यांगों के उत्थान के प्रति अपनी गंभीरता के अनुरूप विश्वविद्यालय ने प्रवेश तथा नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि अमुवि पर्यावरण संरक्षण एवं विकास के प्रति कटिबद्व है तथा इस दिशा में कदम उठाते हुए यूनीवर्सिटी अब तक 6.5 मेगावाट सौर ऊर्जा के प्लांट स्थापित कर चुकी है। इसके अतिरिक्त अमुवि का सिविल इंजीनियरिंग विभाग ताज महल के पर्यावरणीय संरक्षण एवं तीन नगरों की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में विशेष सहयोग प्रदान कर रहा है।
कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अमुवि के मुर्शिदाबाद एवं मल्लापुरम केन्द्र में छत्रों एवं छात्राओं के 250 बिस्तरों वाले हास्टलों के निर्माण के लिये 67 करोड़ प्रदान किये हैं जबकि नेशनल हैल्थ मिशन के अन्तर्गत जेएनएमसी में 100 बिस्तरों वाले एमसीएच विंग के निर्माण के लिये 28 करोड तथा इनफर्टीलिटी यूनिट के लिये 4 करोड़ प्रदान किये गये हैं।
इसके अतिरिक्त कम्यूनिटी कालिज के लिये मौलाना आजाद फाउन्डेशन की ओर से 5.5 करोड़ तथा 2019-20 सत्र में उपकरणों की खरीदारी तथा मूलभूत ढांचे के विस्तार के लिये यूजीसी ने 13 करोड़ की अतिरिक्त ग्रांट मंजूर की है तथा कृषि विज्ञान संकाय के लिये आईसीएआर ने 1.6 करोड़ रूपये की प्रारंभिक ग्रांट जारी कर दी है।
अमुवि के शिक्षकों एवं छात्रों की ओर से भी सर सैयद अहमद खां को भावभीनि श्रद्वांजलि अर्पित की गई। शिक्षकों की ओर से अंग्रेजी में कामर्स विभाग की प्रो. शीबा हामिद तथा उर्दू में उर्दू विभाग के प्रो. सैयद सिराजुद्दीन अजमली ने सर सैयद के दर्शन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। जबकि छात्रों की ओर से अंग्रेजी में बीए इंग्लिश की छात्रा सुश्री अफनान तथा उर्दू में बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र अनसब आमिर खान ने अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. फ्रैंक इस्लाम तथा अमुवि कुलपति प्रो. तारिक ने संयुक्त रूप से वार्षिक सर सैयद एक्सीलेंस एवार्ड (अन्तर्राष्ट्रीय) से सुशोभित आक्सफोर्ड सेंटर फार इस्लामिक स्टडीज़, यूके के लिये संस्था के निदेशक डा. फरहान निजामी तथा राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चयनित दारूल मुसन्नफीन शिबली एकेडमी, आजमगढ़ के निदेशक प्रो. इश्तियाक अहमद जिल्ली को उक्त पुरस्कार स्वरूप क्रमशः 2 लाख रूपये तथा 1 लाख रूपये के चैक, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान किया। अमुवि रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद आईपीएस ने उक्त संस्थानों के प्रशस्ति पत्र पढ़े। इसके उपरान्त डा. फरहान निजामी तथा प्रो. इश्तियाक अहमद जिल्ली ने स्वीकार भाषण प्रस्तुत किया। डा. फरहान निजामी ने कहा कि वह इस पुरस्कार के लिये अमुवि के कृतज्ञ हैं तथा उनकी संस्था ने निर्णय लिया है कि पुरस्कार राशि से एक फैलोशिप जारी की जायेगी जिसके अन्तर्गत अमुवि चयनित एक छात्र को इंग्लैंड जाकर अध्ययन का अवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर अमुवि के इन्नोवेशन काउंसिल तथा इंक्यूबेशन सेंटर द्वारा दिया जाने वाला 1 लाख तथा 50 हजार रूपये का वार्षिक आउटस्टैंडिंग रिसर्चर आफ द ईयर तथा यंग रिसर्चर आफ द ईयर एवार्ड क्रमशः प्लांट प्रोटेक्शन विभाग के प्रो. मुजीब उर रहमान खान तथा जूलोजी विभाग के डा. रियाज अहमद को अमुवि के सहकुलाधिपति नवाब इब्ने सईद खां आफ छतारी द्वारा प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त इस वर्ष से प्रारंभ होने वाला स्टूडैंट्स रिसर्च एण्ड इन्नोवेशन एवार्ड सहकुलपति प्रो. अख्तर हसीब ने प्रदान किया। जिसके अन्तर्गत प्रथम पुरस्कार नैनोटेक्नाजी केन्द्र के एमएससी के छात्र श्री उजैर आलम, द्वितीय पुरस्कार म्यूजोलोजी विभाग में पीएचडी के छात्र श्री मोहम्मद नूरूद्दीन अंसारी एवं बीएससी गणित के छात्र श्री अब्दुल हन्नान मुस्तजाब तथा तृतीय पुरस्कार ज्योगाफी में पीएचडी के छात्र केकुबाद अली एवं बीए सायक्लोजी के छात्र श्री सुहेल अहमद को प्रदान किया गया। बीयूएमएस के छात्र श्री शाहे आलम को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
अमुवि द्वारा सर सैयद अहमद खां के जीवन एवं उपलब्धियों पर आयोजित वार्षिक लेख प्रतियोगिता के विजेताओं को अमुवि के मानद् कोषाध्यक्ष प्रो. हकीम सैयद जिल्लुर रहमान द्वारा पुरस्कार के चैक, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह से सुशोभित किया गया। प्रथम पुरस्कार 25 हजार रूपये का अमुवि के मोहम्मद फर्रूख इलियास को तथा द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रूपये का केरल के ममदूह अब्दुल फतह को प्रदान किया गया जबकि तृतीय पुरस्कार 10 हजार रूपये का हैदराबाद, तिलंगाना की सुश्री हुनेजा मरियम को प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त आंध्रा प्रदेश, केरल, कनार्टक, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, राजस्थान, तमिल नाडू, तिलंगाना, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश के लिये 5-5 हजार रूपये के स्टेट टापर पुरस्कार भी प्रदान किये गये। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के स्टेट टापर का पुरस्कार संयुक्त रूप से अमुवि के अंसब आमिर खान तथा मोहम्मद सलीम पी को प्रदान किया गया।
सहकुलाधिपति नवाब इब्ने सईद खां आफ छतारी ने मुख्य अतिथि डा. फ्रेंक इस्लम को स्मृति चिन्ह से सुशोभित किया। जबकि डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. शम्सुल हक सिद्दीकी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया । डा. फायजा अब्बासी तथा डा. शारिक अकील ने कार्यक्रम संचालन किया। इस अवसर पर डा. फ्रैंक इस्लाम की धर्मपत्नी श्रीमती डेबी इस्लम, अमुवि के सहकुलपति प्रो. अख्तर हसीब, रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद (आईपीएस), परीक्षा नियंत्रक श्री मुजीब उल्लाह जुबैरी, वित्त अधिकारी प्रो. एसएम जावेद अख्तर तथा अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।
इससे पूर्व प्रातः 6.30 बजे अमुवि की जामा मस्जिद में सर सैयद को श्रद्वांजलि स्वरूपव कुरान ख्वानी का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में कुलपति सहित सहकुलपति व रजिस्ट्रार के अलावा शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। इसके उपरान्त कुलपति प्रो. तारिक मंसूर, सहकुलपति प्रो. अख्तर हसीब, रजिस्ट्रार श्री अब्दुल हमीद आईपीएस तथा वरिष्ठ शिक्षकों ने सर सैयद के मजार पर फूलों की चादर चढ़ाई। बाद में प्रातः 9 बजे कुलपति ने सर सैयद अकादमी में सर सैयद अहमद खां के जीवन एवं उपलब्धियों पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
ऐथलेटिक ग्राउन्ड पर आयोजित सर सैयद समृति समारोह के समापन पर अमुवि तराना तथा राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने 18 अक्टूबर को विश्वविद्यालय की समस्त कक्षाओं तथा अमुवि से सम्बद्व समस्त संस्थाओं में कक्षायें निलम्बित करने की घोषणा की।
18 अक्टूबर को जेएन मेडीकल कालिज के सभागार में एल्युमनाई कनकलेव का आयोजन प्रातः 10 बजे हागा। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एडीजी यूपी पुलिस जकी अहमद शिरकत करेंगे। जबकि अमेरिका में बसे पूर्व छात्र डा. ए अब्दुल्लाह और कालीकट यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति प्रो. अनवर जहां जुबैरी मानद् अतिथि होंगी।

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